दिल पर लगे जख्म न जाने कब भरेंगे... मेरठ टोल प्लाजा में हमले के शिकार जवान का दर्द छलका

कपिल के मुताबिक, उन्होंने ट्रेन पकड़ने की जल्दी का हवाला देते हुए और पहचान पत्र दिखाकर टोलकर्मियों से रास्ता देने का अनुरोध किया जिसके बाद टोल कर्मियों ने उनसे न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि विरोध करने पर मारपीट भी की.

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गोटका गांव के निवासी कपिल इस समय सैनिक अस्पताल में भर्ती हैं.
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  • मेरठ में भूनी टोल प्लाजा पर विवाद के दौरान सैनिक कपिल पंवार को बुरी तरह से मारा गया था.
  • कपिल ने कहा, सीमा पर दुश्मनों से लड़ने में कोई हिचक नहीं लेकिन देश में इस तरह के व्यवहार से मन आहत होता है.
  • पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और बाकी की तलाश जारी है.
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मेरठ:

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में भूनी टोल प्लाजा पर विवाद के दौरान बुरी तरह पीटे जाने से घायल हुए सैनिक कपिल पंवार ने कहा है कि उन्हें सीमा पर दुश्मनों से मुकाबला करने में कोई हिचक नहीं होती, लेकिन अपने ही देश में इस तरह के बर्ताव से मन आहत हो जाता है. पंवार ने कहा, ‘‘शरीर पर लगी चोटें समय के साथ ठीक हो जाएंगी, लेकिन मन पर लगा घाव जीवनभर रहेगा.' मेरठ-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित भूनी टोल प्लाजा पर सेना के जवान से मारपीट की घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल संचालक कंपनी मैसर्स धर्म सिंह की 3.70 करोड़ रुपये की ‘सिक्योरिटी' राशि जब्त करते हुए उसे एक वर्ष के लिए टोल संचालन से प्रतिबंधित कर दिया है.

गोटका गांव के निवासी कपिल इस समय सैनिक अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि 17 अगस्त की रात वह ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे तथा भूनी टोल प्लाजा पर उनकी कार आगे बढ़ रही थी तभी वहां टोल कर्मचारियों और वाहन चालकों के बीच कहासुनी हो रही थी. कपिल के मुताबिक, उन्होंने ट्रेन पकड़ने की जल्दी का हवाला देते हुए और पहचान पत्र दिखाकर टोलकर्मियों से रास्ता देने का अनुरोध किया जिसके बाद टोल कर्मियों ने उनसे न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि विरोध करने पर मारपीट भी की.

मामले में आठ लोग गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार, 17 अगस्त को टोल कर्मचारियों ने कपिल तथा उनके साथियों शिवम एवं सुधीर के साथ लाठी-डंडों और लोहे की छड़ से मारपीट की थी. इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. घटना के समय कार में कपिल के पिता, ताऊ और चचेरे भाई भी मौजूद थे, लेकिन वाहन का ‘लॉक' खुलने में दिक्कत के कारण वे मदद के लिए बाहर नहीं आ पाए.

सैनिक के माता-पिता ने मामले पर चिंता जताते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है. इस बीच राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने घटना के बाद संचालन का ठेका रद्द कर टोल संचालन अपने हाथ में ले लिया है. बागपत डिवीजन से भेजी गई 15 सदस्यीय टीम ने प्रबंधन संभाल लिया है और नकद काउंटर फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है. एनएचएआई के परियोजना निदेशक नरेन्द्र सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि टोल पर नकदी काउंटर शुरू कर दिया जाएगा. घटना के बाद से टोल के बूम उठे हुए हैं और सिर्फ सेंसर से फास्टैग लगे वाहनों से शुल्क कट रहा है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. विपिन ताड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और शेष की तलाश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जनपद के सभी टोल प्लाजा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं तथा टोलकर्मियों को यात्रियों से शालीन व्यवहार करने की हिदायत दी गई है.

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