लखनऊ में ताबड़तोड़ फायरिंग कर विधायक की हत्‍या के अहम गवाह को गोली मारी, मौत

अजित जैसे ही गाड़ी से उतरे, तीन लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. बुधवार को रात करीब आठ बजे की इस वारदात में 30 राउंड फायरिंग हुई जिसमें अजित मारे गए.

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अजित जैसे ही गाड़ी उसे उतरे, तीन लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी (प्रतीकात्‍मक फोटो)
लखनऊ:

Shootout in Lucknow: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक MLA की हत्‍या के प्रमुख गवाह (Key witness) को सरेशाम गोली से उड़ा दिया गया. पुलिस का कहना है कि आजमगढ़ में जेल में बंद MLA के कातिलों ने ये शूटआउट कराया. हमले में एक मिनट में 30 गोलियां मारी गईं, जिसमें गवाह अजित सिंह (Ajit Singh) मारे गए जबकि उनके साथी मोहर सिंह और स्विगी का एक डिलीवरी बॉय घायल हो गया. सरकार ने आज आजमगढ़ में इस हत्‍या के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा दिया. लखनऊ शहर की एक बेहद व्‍यस्‍त सड़क पर इस हमले को अंजाम दिया गया. अजित अपने साथी मोहर सिंह के साथ यहां पर स्थित उदय टावर में किसी काम से आए हुए थे. हत्‍यारों को इस बारे में जानकारी थी. उन्‍हें यह भी पता था कि अजित बुलेटप्रूफ गाड़ी का इस्‍तेमाल करते हैं, इसलिए वे, उनके गाड़ी से उतरने का इंतजार कर रहे थे. 

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अजित जैसे ही गाड़ी से उतरे, तीन लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. बुधवार को रात करीब आठ बजे की इस वारदात में 30 राउंड फायरिंग हुई जिसमें अजित मारे गए. उनके साथी मोहर सिंह और स्विगी का एक डिलीवरी बॉय घायल हुआ है. भीड़भाड़ वाली जगह में इतनी गोलियां चलने से अफरातफरी मच गई, CCTV फुटेज में लोगां को जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते हुए देखा जा सकता है. यूपी पुलिस कमिश्‍नर डीके ठाकुर बताते हैं, 'शूटर के रूप में जिनका नाम मारने के लिए सामने आ रहा है, वे सभी इनके साथी हुआ करते थे.ये लोग अपराध की दुनिया के ही लोग हैं. कभी साथी थे, कभी अलग हो गए तो दुश्‍मन बन गए..इस तरह का मामला है.' 

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घटना की वजह 2013 में आजमगढ़ में एमएलए सर्वेश सिंह की हत्‍या है. उनकी हत्‍या से आजमगढ़ में हिंसा भड़क उठी थी, उनकी हत्‍या के आरोप में अखंड प्रताप सिंह और कुंटू सिंह आजमगढ़ जेले में बंद हैं. मारे गए अजित सिंह उस हत्‍या में गवाह थे. पुलिस का कहना है कि इन दोनों ने ही जेल से अजित सिंह की हत्‍या कराई है. घटना में शामिल सारे लोग हिस्‍ट्रीशीटर बताए गए हैं. हत्‍या के आरोपी कुंटू सिंह पर 60 जबकि दूसरे आरोपी अखंड प्रताप सिंह पर 36 केस दर्ज हैं जबकि मारे गए अजित सिंह पर 19 व घायल मोहर सिंह पर 12 केस दर्ज हैं.  

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यूपी पुलिस कमिश्‍नर डीके ठाकुर ने बताया, 'मृतक हत्‍या के मामले में प्रमुख गवाह थे, उन्‍हें रोकने के लिए हत्‍या की गई. जिनके खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई है वह हत्‍या के अभियुक्‍त हैं जो जेल में हैं. उनके जो साथी थे उनका शूटर बताया गया है.' वारदात के बाद हरकत में आई सरकार ने आजमगढ़ में आरोपी कुंटू सिंह के घर पर बुलडोजर चलवा दिया इसके लिए इलाके में बड़े पैमाने पर र्फोस तैनात की गई. एमएलए सर्वेश सिंह हत्‍याकांड के गवाह उनके भाई संतोष सिंह को भी सुरक्षा दी गई है. आजमगढ़ के एसपी सुधीर कुमार सिंह बताते हैं, 'उन्‍हें गनर दिया गया है और पूरे परिवार को सुरक्षा दी गई है. किसी अतिरिक्‍त सुरक्षा की जरूरत होगी तो वह भी दी जाएगी. सुरक्षा में किसी भी प्रकार की हम महसूस होने नहीं दी जाएगी.' 

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