लखनऊ में दूल्हा-दुल्हन के घर वालों की सहमति से हो रही एक हिंदू-मुस्लिम शादी (Hindu-Muslim shadi)रा ष्ट्रीय युवा वाहिनी नाम के एक हिंदुत्ववादी संगठन ने पुलिस की मदद से रुकवा दी. संगठन का कहना था कि शादी करने वालों को उन्हें बताना चाहिए था कि शादी के बाद वे कौन सा धर्म मानेंगे? उनके बच्चे किस धर्म के होंगे, यही नहीं डीएम की इजाजत के बिना हो रही इस शादी का हिंदू समाज पर बुरा असर पड़ेगा. यह हिंदू-मुस्लिम शादी दोनों के घरवाले ही करा रहे थे. 22 साल की लड़की हिंदू है जिसने कैमिस्ट्री में MSc किया है जबकि लड़का मुस्लिम. दोनों अच्छी नौकरी करते हैं. राष्ट्रीय युवा वाहिनी की शिकायत पर पुलिस ने शादी रुकवा दी. युवा वाहिनी का कहना है कि उन्हें इस बात की आपत्ति है कि दोनों पक्षों ने इसकी DM से इजाजत नहीं ली. ऐसी शादी का हिंदू समाज पर बुरा असर पड़ेगा. हिंदू रीति से शादी हो, साथ में निकाल न हो. संगठन को पता नहीं कि शादी के बाद उनका धर्म क्या होगा.
'लव जिहाद' को लेकर फतवा, 'लड़की को धोखा देने को जिहाद कहना इस्लाम का अपमान'
राष्ट्रीय युवा वाहिनी के अध्यक्ष केडी शर्मा कहते हैं, 'इस तरह का मंडप लगाकर शादी कर रहे थे तो हिंदू संगठनों और हिंदू परिवारों पर बुरा असर पड़ता. एक तरफ आप शादी कर रहे है, दूसरी तरफ निकाह पढ़वा रहे हैं.' बच्चे अगर होंगे तो किस धर्म के कहे जाएंगे? हम इसमें बिल्कुल गलत नहीं हैं, हमने वही किया है जो होना चाहिए था. यदि जिला अधिकारी की इजाजत होती तो हम कुछ नहीं करते.
यूपी लव जिहाद अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, याचिकाकर्ता का दावा-यह मौलिक अधिकारों के खिलाफ
उन्होंने कहा, 'मेरा संगठन 24 प्रदेश में सक्रिय है. यदि मैं ऐसा देखूंगा तो लोग मुझे भी टोकेंगे, कहेंगे कि गलत किया.' मजे की बात यह है कि संगठन की शिकायत पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां हिंदू रीति से शादी की तैयारी चल रही थी. बाद में निकाल भी होना था लेकिन पुलिस ने नए कानून का हवाला देकर शादी रुकवा दी जिसके मुताबिक धर्म परिवर्तन के लिए दो महीने पहले डीएम की इजाजत लेनी होगी. मामले में लखनऊ (साउथ) के एडीशनल डीसीपी सुरेश चंद्र रावत ने कहा, 'दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया गया था, उनको जो नवीनतम उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण अध्यादेश है, उसके बारे में बताया गया. इसकी एक प्रति भी उनको उपलब्ध कराई गई है जिस पर दोनों पक्षों ने लिखित सहमति दी कि अब वे इस संबंध में नियमानुसार जिलाधिकारी महोदय को सूचित करके, उसने अनुमति लेकर उसके बाद ही कोइ कदम उठाएंगे.'
यूपी में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव का केस