सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद सपा नेता आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) ने रामपुर के समाजवादी पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान, पिता आजम खान के साथ जेल में गुजारे 23 महीने का जिक्र करते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए. अब्दुल्ला आजम ने रूंद गले से इस सियासी लड़ाई को सीधे तौर पर सरकार से जुड़ा होना बताया. वह अपने विरोधियों पर सियासी तीर छोड़ने से भी नहीं चुके. अब्दुल्ला आजम ने कहा कि जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. मुकाबला बहुत बड़े लोगों से है.
अस्पताल में जब आजम खान और अब्दुल्ला आजम भर्ती थे, तो उस समय का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला आजम ने कहा, "मेरे पिता और मैं अलग-अलग कमरे थे. वो आईसीयू में थे और मैं ऊपर था. इतनी फोर्स लगी हुई थी कि पता नहीं कौन आतंकवादी बंद हो."
उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर मुझे देखने आए तो मैंने पूछा- मेरे पिता की कैसी तबीयत है, तो उन्होंने कहा जो हमसे हो रहा, सो हम कर रहे हैं, बाकी ऊपर वाला मालिक है. जब उनको वहां से ले जाने लगे तो बेहोशी की हालत में थे, जाते वक्त दो मिनट को आंख खुली और मुझसे कहा कि बेटे मुझे कुछ ऐसा हो गया है कि मैं ठीक नहीं हो सकता. यह बताते हुए अब्दुल्ला आजम भावुक हो गए.
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उन्होंने कहा कि मैंने दुआ कि अल्लाह जेल तो मैं काट ही रहा हूं, मुझे कोई शिकायत नहीं है. बस तू मेरे वालिद को बचाले. बहुत बुरा दौर देखा है. बहुत-सी रातें ऐसी आई जैसे आने वाला सवेरा अब देखने के काबिल नहीं बचेगा और जेल में ही मार दिए जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान विभिन्न आपराधिक मामलों में सीतापुर जेल में बंद हैं. कुछ दिन पहले ही उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खान जमानत पर रिहा हुए हैं.