UP BJP President Election: उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के ऐलान को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. इसमें दलित, पिछड़ा वर्ग और ब्राह्मण नेता भी दावेदारी में हैं, लेकिन इसमें एकमात्र एक महिला नेता का नाम भी है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति हैं. ओबीसी वर्ग से आने वाली निरंजन ज्योति फतेहपुर से सांसद रही हैं. ब्राह्मण वर्ग से पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और हरीश द्विवेदी शामिल हैं. जबकि ओबीसी की बात करें तो धर्मपाल सिंह, बीएल वर्मा का नाम उभरकर सामने आया है. वहीं दलित चेहरों में रामशंकर कठेरिया और विद्या सागर सोनकर का नाम चल रहा है.
1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से अभी तक उत्तर प्रदेश में कभी कोई महिला प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनी है. ऐसे में यह देखना होगा कि क्या बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनाव के पहले यूपी में महिला कार्ड खेलेगी. बिहार, झारखंड, हरियाणा से लेकर हर राज्य के विधानसभा चुनाव में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं.
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58 साल की साध्वी निरंजन ज्योति यूपी के हमीरपुर जिले से ताल्लुक रखती हैं. इंटरमीडिएट तक पढ़ीं निरंजन ज्योति ने 21 साल की उम्र में गुरुदीक्षा लेकर संन्यास ले लिया था. राम मंदिर आंदोलन, विहिप, दुर्गा वाहिनी में सक्रियता के बाद वो भाजपा में आई थीं. यूपी में वो महिला भगवा ब्रिगेड का अहम चेहरा बन सकती हैं. उमा भारती जैसी फायर ब्रांड नेता की कम सक्रियता को देखते हुए भाजपा का ये दांव काम कर सकता है. निषाद समुदाय की निरंजन ज्योति यूपी में गैर यादव जातियों के बीच भाजपा की पकड़ और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है.
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लखनऊ में मंगलवार को शीर्ष नेताओं की बैठक में मंथन हुआ था. इसमें संघ नेता अरुण कुमार, भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे. दिल्ली में भी शीर्ष स्तर पर इस मामले में मंत्रणा हुई है.
दिनेश शर्मा और हरीश द्विवेदी ब्राह्मण चेहरा
पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा के साथ हरीश द्विवेदी प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में ब्राह्मण चेहरा हैं.दिनेश शर्मा का संघ से करीबी जुड़ाव रहा है. जबकि बस्ती के पूर्व सासंद हरीश द्विवेदी एबीवीपी, संघ से लेकर बीजेपी में लंबे वक्त से काम कर रहे हैं.
हरीश द्विवेदी भी दावेदार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दूसरा नाम हरीश द्विवेदी का भी दौड़ में है. वो सरकार और संगठन दोनों में काफी अनुभव रखते हैं.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, संघ से लेकर भाजपा तक उनका लंबा सफर रहा है. वो बस्ती जिले से सांसद रहे हैं.
धर्मपाल सिंह OBC वर्ग से
यूपी की बीजेपी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं. वो ओबीसी वर्ग में लोध समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या है.बीएल वर्मा भी बीजेपी के ओबीसी नेताओं में शामिल हैं. बदायूं जिले से आने वाले वर्मा राज्यसभा सदस्य हैं.
रामशंकर कठेरिया दलित
दलित चेहरे के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया का हैं. कठेरिया आगरा से दो बार लोकसभा सांसद रहे. फिर 2019 में इटावा लोकसभा चुनाव जीते. लेकिन 2024 हार गए.
विद्या सागर सोनकर भी दावेदार
एमएलसी विद्या सागर सोनकर बीजेपी के दलित चेहरों में से एक हैं. पार्षद से लेकर वो सांसद तक रहे हैं. सोनकर बीजेपी जिलाध्यक्ष, एससी मोर्चे के के साथ बीजेपी कार्यसमिति में भी रहे हैं.उत्तर प्रदेश में 21 फीसदी दलित हैं और उन्हें 2027 में पाले में बनाए रखने के लिए बीजेपी उन पर दांव खेल सकती है.














