'क्योंकि वह सांवले थे...', गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के रंग पर केंद्रीय मंत्री की विवादित टिप्पणी पर हंगामा

केंद्रीय मंत्री की इस टिप्पणी का टैगोर के समर्थकों, प्रशंसकों और कई विपक्षी नेताओं ने विरोध किया है. इस यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वाइस चांसलर विद्युत चक्रवर्ती का भी विरोध किया जो कि इस कार्यक्रम का हिस्सा थे. हालांकि बीजेपी अपने मंत्री के साथ खड़ी है. बीजेपी ने कहा है कि उनके मंत्री की टिप्पणी को अलग संदर्भ में लिया गया.

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केंद्रीय मंत्री ने की रवींद्रनाथ टैगोर के रंग पर विवादित टिप्पणी
कोलकाता:

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर सुर्खियों में हैं, लेकिन कुछ सामान्य कारणों से. टैगोर के रंग पर केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने विवादित टिप्पणी की है और बताया है कि इसी के कारण उनकी मां का व्यवहार उनके साथ अलग ही था. रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती यूनिवर्सिटी पहुंचे सुभाष सरकार ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता की मां ने उनके साथ भेदभाव किया क्योंकि उनकी त्वचा का रंग गोरा नहीं था. परिवार के बाकी लोगों की तुलना में उनके रंग पर लाल रंग की आभा थी. मंत्री ने दावा किया कि टैगोर की मां और कुछ अन्य रिश्तेदार उन्हें अपनी गोद में नहीं उठाते थे, क्योंकि वह सांवले थे. न्यूज एजेंसी पीटीआई को उन्होंने बताया कि दो प्रकार गोरी त्वचा वाले लोग होते हैं. एक जो पीली आभा के साथ बहुत गोरे होते हैं. दूसरे वो जो गोरे होते हैं, लेकिन लाल आभा के साथ. टैगोर दूसरी श्रेणी में थे. 

मंत्री की इस टिप्पणी का टैगोर के समर्थकों, प्रशंसकों और कई विपक्षी नेताओं ने विरोध किया है. इस यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वाइस चांसलर विद्युत चक्रवर्ती का भी विरोध किया जो कि इस कार्यक्रम का हिस्सा थे. हालांकि बीजेपी अपने केंद्रीय मंत्री के साथ खड़ी है. बीजेपी ने कहा है कि उनके मंत्री की टिप्पणी को अलग संदर्भ में लिया गया.

गौरतलब है कि रवींद्रनाथ टैगोर लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता थे. जहां ये बयान दिया गया विश्व भारती यूनिवर्सिटी के संस्थापक भी वही थे. भारत का राष्ट्रगान भी उन्होंने ही लिखा है. उनका जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था. शिक्षक के रूप में उन्होंने अपने छात्रों को ही नहीं पूरे विश्व को प्रेरणा दी.

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