- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाने की बात कही
- बिहार में निकाली जा रही यात्राओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए घुसपैठियों से सावधानी की अपील की
- शिवराज सिंह ने कहा कि भारत घुसपैठियों को नागरिकता और वोटर सूची में शामिल करने की अनुमति नहीं देगा
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर दो टूक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी दादा यह न सोचे कि भारत को आंख दिखा दी तो वह झुक जाएगा, क्योंकि आज का भारत आंखों में आंख डालकर बात करता है और अपने राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं करता. इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में निकाली जा रही यात्राएं वोट चोरी की नहीं, बल्कि घुसपैठियां बचाओ यात्रा हैं, जो देश की सुरक्षा और पहचान के लिए खतरा बन चुकी हैं.
हमारा देश क्या कोई धर्मशाला है...
बिहार में एसआईआर के नाम पर हल्ला हो रहा है, हमारा देश, देश है कि या फिर कोई धर्मशाला. जिसकी मर्जी आए वो घुस आए और फिर वोटर लिस्ट में नाम आ गया उनके आधार कार्ड बन गए. वो वोट देगा. भारत का नागरिक बनेगा. ये किस देश में होता है कौन इसको सहन करेगा. कोई भी जाति और धर्म हो वो हमारे देश का नागरिक है. लेकिन क्या किसी घुसपैठिए को बर्दाश्त करोंगे. अब अगर उनके नाम काटे जा रहे हैं और नाम-गांव पूछा जा रहा है. इनके बारे में आश्चर्यजनक चीजें सामने आ रही है. जब वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण होता है तो हल्ला मचाया जाता है. बिहार के चुनाव खत्म नहीं होंगे कि बंगाल का बिहार का बिगुल बज जाएगा, इसलिए ममता दीदी अभी से परेशान है. बंगाल के चुनाव खत्म होंगे तो तमिलनाडु के चुनाव आएंगे फिर असम के.
किसानों के हितों से समझौता नहीं...
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देशों ने भारत पर अपना कृषि बाजार खोलने का दबाव बनाया था लेकिन आज देश मजबूती से खड़ा है और वैश्विक मंच पर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रख रहा है. चौहान ने अपने लोकसभा क्षेत्र विदिशा में उन्नत खेती पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं राष्ट्रहित सर्वोपरि है और किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “कुछ देश हम पर कृषि बाजार को पूरी तरह से खोलने का दबाव बना रहे थे लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत दुनिया से दृढ़ता से अपनी बात करने की स्थिति में है.”
कृषि में रिकॉर्ड 3.7 प्रतिशत की वृद्धि
उन्होंने कहा, “एक समय था जब हमें अमेरिका से कम गुणवत्ता वाला खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता था लेकिन आज हमारे खाद्य भंडार प्रचुर मात्रा में हैं.” मंत्री ने कहा कि भारत ने इस वर्ष कृषि में रिकॉर्ड 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं, चावल और मक्का का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ, जिससे देश का खाद्य भंडार लबालब भर गया है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत पर ‘टैरिफ' लगाने के प्रयासों से अर्थव्यवस्था में व्यवधान आने की आशंका थी लेकिन देश ने केवल तीन महीनों में ही उच्चतम जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि हासिल कर ली, जिसमें कृषि का सबसे बड़ा योगदान रहा. केंद्रीय मंत्री ने किसानों के लिए छह-आयामी रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए किसानों से पारंपरिक तरीकों से प्रेरित विविधीकरण प्रथाओं को अपनाने का भी आग्रह किया.
कृषि सेक्टर में कैसे आ रहा बदलाव
इस छह-आयामी रणनीति में अधिक उत्पादन, कम लागत, उचित मूल्य निर्धारण, नुकसान की भरपाई, फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल है. चौहान ने विज्ञान को खेती से जोड़ने के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने वैज्ञानिकों की 2,170 टीमों को सीधे किसानों के खेतों में तैनात किया है. उन्होंने कहा, “आगामी रबी सत्र के लिए वैज्ञानिक टीमें तीन अक्टूबर से खेतों का दौरा करेंगी और नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों पर जानकारी साझा करेंगी, जिसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना और लागत कम करना है.” केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों से स्वदेशी प्रथाओं को अपनाने, विदेशी उत्पादों पर खर्च करने के बजाय स्थानीय रोजगार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए कपड़े, भोजन व दैनिक आवश्यक वस्तुओं सहित घरेलू रूप से उत्पादित सामान खरीदने का आग्रह किया.
(प्रफुल्ल मिश्रा की रिपोर्ट)