मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाने को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि शेखावत झूठ बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन कर रहे हैं.
शेखावत ने इससे पहले दिन में एक कार्यक्रम में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में राजनीतिक रैलियों के दौरान कहीं भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना को दर्जा देने की घोषणा नहीं की. शेखावत ने यहां तक कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की (तत्कालीन) जनसभा में (इस बारे में) एक भी शब्द बोला हो तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
मुख्यमंत्री ने शेखावत के बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं लगातार तीन वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी के जयपुर एवं अजमेर में (विधानसभा) चुनाव से पहले 13 जिलों की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के वादे की याद दिला रहा हूं परन्तु अब जाकर राजस्थान से आने वाले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन कर दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.''
गहलोत ने कहा, ‘‘होना ये चाहिए था कि वह पहले से चल रही 16 राष्ट्रीय परियोजनाओं के साथ ईआरसीपी को भी 17वीं राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाकर प्रधानमंत्री के वादे को पूरा करवाते. वह राजस्थान से सांसद भी हैं एवं केन्द्र में जल शक्ति मंत्री हैं. उनकी राजस्थान की अन्य परियोजनाओं में तो कोई रुचि नहीं है परन्तु उनके अपने विभाग की महत्वपूर्ण परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के प्रति भी कोई रुचि नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.''
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के दो भाषणों का सार ट्विटर पर शेयर किया जिसमें वे ईआरसीपी के बारे में बात कर रहे हैं. गहलोत ने कहा,'सात जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट तौर पर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर सकारात्मक रुख रखने की बात की है तथा छह अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में जयपुर का नाम लेकर अपने इस वादे को दोहराया है.'
इससे पहले दिन में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत एवं राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने सामने आ गए. एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे की याद दिलाई तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अजमेर की तब की सभा में इस बारे में एक भी शब्द नहीं बोला था. शेखावत ने यहां तक कहा,'अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की बैठक में एक भी शब्द बोला हो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री छोड़ दें.' ये दोनों नेता यहां राजस्थान समेत आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में जल जीवन और स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक में भाग ले रहे थे.