केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और नए संसद भवन के कामकाज का जायजा लिया. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाएगी. साथ ही यहां आकर आइसक्रीम खाने का आनंद भी पहले से ज्यादा आएगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया कि हमारे मजदूरों की मेहनत और लगन आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थापत्य विरासत को आकर दे रही है. आज मैंने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और संसद के नए स्थलों का दौरा किया. विद्वानों को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि शाम को यहां आइसक्रीम खाने का आनंद अब पहले से भी ज्यादा आएगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था और इसे जरूरी बताया था. विपक्षी दल भी मोदी सरकार के इस अहम प्रोजेक्ट का विरोध करते रहे हैं. दरअसल, विपक्ष का कहना है कि जहां कोविड काल में लोगों को इलाज मुहैया नहीं हुआ, वहां पीएम मोदी आलीशान आवास बनाने पर आमदा हैं.
इस इमारत की खासियत
नई संसद भवन परिसर, का आकार त्रिकोणीय होगा जो कुल 64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा. यह मौजूदा संसद भवन से काफी बड़ा होगा. इस नई इमारत में लोकसभा में 888 सांसद और राज्यसभा में 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. वर्तमान की बात करें तो लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 245 सांसद हैं.
20 हजार करोड़ देने का हुआ था विरोध
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने मार्च में 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. बढ़ते मरीजों की वजह से देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाइयों का संकट आ खड़ा हुआ. इसे देखते हुए विपक्षी नेताओं ने सरकार से इस परियोजना को रद्द करने और कोरोना संकट से निपटने के प्रयासों के लिए उस धन का उपयोग करने का आग्रह किया था. इस प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों में दूसरा धड़ा संरक्षणवादियों का है. उनका मानना है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट वर्तमान इमारत के इतिहास के साथ हस्तक्षेप है, जिसे लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था. इसके बाद यह 1927 की इमारत एक खोई हुई विरासत होगी.