केंद्रीय मंत्री प्रधान आंध्र-ओडिशा विवादित सीमा पहुंचे, आंध्र प्रदेश के अधिकारी को वापस जाने को कहा

ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों का दावा है कि कोटिया उनका हिस्सा है. विवादित कोटिया क्षेत्र में 'उत्कल दिवस' मनाने के लिए गए प्रधान की फत्तू सेनारी गांव में संयोगवश आंध्र प्रदेश के एक अधिकारी से मुलाकात हुई. इस दौरान प्रधान ने अधिकारी से यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछा.

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ओडिशा का प्राचीन नाम उत्कल था.
कोरापुट:

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कोरापुट जिले के पोट्टांगी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले कोटिया ग्राम समूह को ओडिशा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए 'आंध्र प्रदेश वापस जाओ' का नारा दिया. ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों का दावा है कि कोटिया उनका हिस्सा है. विवादित कोटिया क्षेत्र में 'उत्कल दिवस' मनाने के लिए गए प्रधान की फत्तू सेनारी गांव में संयोगवश आंध्र प्रदेश के एक अधिकारी से मुलाकात हुई. इस दौरान प्रधान ने अधिकारी से यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछा.

अधिकारी ने दावा किया कि कोटिया क्षेत्र के 21 गांव आंध्र प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और इसलिए वह लोगों से मिल रहे हैं. जवाब में, ओडिशा के रहने वाले प्रधान ने उनसे कहा: “वापस जाओ.” केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान की फत्तू सेनारी यात्रा के दौरान सादी पोशाक में पड़ोसी राज्य के कुछ पुलिसकर्मी घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे थे, जिस पर प्रधान ने आपत्ति जताई और उन्हें 'वापस जाने' के लिए भी कहा.

उन्होंने कहा कि कोटिया ओडिशा से संबंधित है और वहां कोई घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने नारा दिया: 'बंदे उत्कल जननी' (ओडिशा मां, मैं आपको नमन करता हूं). ओडिशा का प्राचीन नाम उत्कल था. एक अप्रैल, 1936 को अलग ओडिशा राज्य का गठन किया गया. तब से इस दिन राज्य भर में 'उत्कल दिवस' मनाया जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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