केंद्रीय कैबिनेट ने 85 नए केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय की दी मंजूरी, दिल्ली मेट्रो को लेकर भी गुड न्यूज

केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने का फैसला किया गया है. वहीं दिल्‍ली मेट्रो के एक नए कॉरिडोर को भी मंजूरी दे दी गई है.

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नई दिल्‍ली:

केंद्रीय कैबिनेट की शुक्रवार को आयोजित बैठक (Union Cabinet Meeting) में कई बड़े और अहम फैसले किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आयोजित बैठक में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी गई है. साथ ही एक केंद्रीय विद्यालय का विस्तार किया जाएगा. केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने पर कुल 8232 करोड़ रुपये की लागत आएगी. साथ ही कैबिनेट ने मेट्रो के रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को भी मंजूरी दे दी है. 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी गई है. इन नए केन्द्रीय विद्यालयों के खुलने से देश के 82 हजार छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. 

5,872 करोड़ की लागत का अनुमान 

वैष्‍णव ने बताया कि 2025-26 तक आठ सालों की अवधि में 85 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना और एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय के विस्तार के लिए कुल 5,872.08 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 1,256 केंद्रीय विद्यालय का संचालन हो रहा है. इनमें से तीन मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में भी हैं. इन स्‍कूलों में 13.56 लाख छात्र इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं. 

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वहीं 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने के लिए 2359.82 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

चार साल में पूरा होगा मेट्रो कॉरिडोर 

वहीं उन्‍होंने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के 26.46 किलोमीटर लंबे रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को भी मंजूरी दे दी है.  इस पर 6,230 करोड़ रुपये की लागत आएगी. उम्‍मीद की जा रही है कि कॉरिडोर के बनने के बाद राष्‍ट्रीय राजधानी और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी. 

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि परियोजना मंजूरी की तारीख से चार साल में पूरी होने वाली है. यह लाइन शहीद स्थल (न्यू बस अड्डा) से रिठाला (रेड लाइन) कॉरिडोर का विस्तार होगी और दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों जैसे नरेला, बवाना और रोहिणी के कुछ हिस्सों में कनेक्टिविटी को बढ़ाने में मददगार होगी. 

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गौरतलब है कि 2014 से पहले देश के सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो नेटवर्क था, जबकि 2014-24 के बीच 23 शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हुआ है. 

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