केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''यह रणनीतिक कदम अभूतपूर्व आर्थिक क्षमता को उजागर करने के लिए है, जिससे सूरत अंतरराष्ट्रीय विमानन परिदृश्य में एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा और क्षेत्र में समृद्धि के एक नए युग को बढ़ावा मिलेगा.''
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने लिया.
बयान में कहा गया कि सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने से आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
डीजीसीए ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए एयरोड्रम लाइसेंस जारी किया
दूसरी ओर, विमानन नियामक डीजीसीए ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम' लाइसेंस जारी किया है. इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है. एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया.
एएआई ने कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में एयरोड्रम लाइसेंस दिया गया है.
एएआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है. यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है.''
डीवीओआर डॉपलर अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है. आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है.
एएआई ने बयान में कहा, ‘‘बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगाय यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है.''
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है.
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