निगमों में सत्तासीन BJP ने स्कूलों के लिए कुछ नहीं किया, दिल्ली की छवि हो रही खराब : मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी पिछले 20 सालों से नगर निगम में बैठी है. बीजेपी ने नगर निगम के स्कूलों की इतनी खराब हालत कर दी है कि ये स्कूल पूरे देश में सबसे पिछड़े स्कूल बन गए हैं. इनकी वजह से पूरे दिल्ली की तस्वीर खराब हो रही है.

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नगर निगम स्कूलों की बदहाली को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा को घेरा. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) के नगर-निगम स्कूलों (Municipal Corporation Schools) की बदहाली को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने भाजपा (BJP) पर हमला बोला है. डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने नगर-निगम स्कूलों के लिए कुछ नहीं किया. भाजपा सरकार की निगम के अधीन आने वाले स्कूलों के प्रति बेरुखी का नजीता है कि यहां बच्चों को शिक्षा का माहौल नहीं मिल रहा है. वहीं, मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) के अधीन आने वाले स्कूलों की तारीफ करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जी के 98 फ़ीसदी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (RTE) के हिसाब से शिक्षकों की संख्या छात्रों के हिसाब से पर्याप्त है. लेकिन भाजपा की वजह से बदहाल निगम स्कूलों के चलते दिल्ली की छवि खराब हो रही है.

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मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार द्वारा जारी स्कूलों की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने पूरे देश के स्कूलों और छात्रों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दिल्ली के बारे में भी जानकारी दी गई है. यह रिपोर्ट कहती है कि जो बीजेपी पिछले 20 सालों से नगर निगम में बैठी है, उसने नगर निगम के स्कूलों की इतनी खराब हालत कर दी है कि नगर निगम के स्कूल पूरे देश में सबसे पिछड़े स्कूल बन गए हैं. इनकी वजह से पूरे दिल्ली की तस्वीर खराब हो रही है.

सिसोदिया ने कहा, ''मोदी जी की सरकार की रिपोर्ट यह भी कह रही है कि दिल्ली सरकार के जो स्कूल हैं वह छात्रों शिक्षकों की संख्या के हिसाब से एकदम ठीक चल रहे हैं और शानदार चल रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि मैंने उस रिपोर्ट को देखा और ठीक से पढ़ा. बीजेपी पिछले 20 साल से नगर निगम में सत्ता में है. नगर निगम के स्कूलों में जितने छात्र हैं उसके हिसाब से शिक्षकों की संख्या बहुत कम है. रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में जो दिल्ली सरकार के स्कूल हैं उसमे RTE के हिसाब से 98% स्कूलों में छात्र की संख्या के हिसाब से शिक्षक पर्याप्त हैं. यानी बस 2% में अनुपात ठीक नहीं है.

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जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 58% स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 46% स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 39% स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. सिसोदिया ने कहा कि यह रिपोर्ट बताती है कि अरविंद केजरीवाल जी के 98 फ़ीसदी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन के हिसाब से शिक्षकों की संख्या छात्रों के हिसाब से पर्याप्त है. दिल्ली का जो नाम खराब हो रहा है वह भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली नगर निगम में 20 साल के कुशासन की वजह से हो रहा है.

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