मुंबई उपचुनाव: रुतुजा लटके के चुनाव लड़ने को लेकर दुविधा में ठाकरे, अब तक नहीं स्वीकार हुआ इस्तीफा

उद्धव ठाकरे गुट ने राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन शिवसेना के एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर उम्मीदवार को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि रुतुजा लटके पर दूसरी तरफ से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.

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महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खेमे में अगले महीने होने वाले अंधेरी चुनाव को लेकर दुविधा में है. शिवसेना चुनाव (Shiv Sena) में दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके (Rutuja Latke) को उम्मीदवार के तौर पर उतारने की उम्मीद कर रही है. लेकिन अगर मुंबई नगर निकाय उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करता है, तो वह चुनाव लड़ने में असमर्थ हो सकती हैं. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है. ऐसे में अगर अगले दो दिनों के भीतर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकती हैं.

उद्धव ठाकरे गुट ने राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन शिवसेना के एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर उम्मीदवार को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि रुतुजा लटके पर दूसरी तरफ से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. अंधेरी वेस्ट सीट पर शिवसेना के विधायक रमेश लटके का इस साल निधन हो गया था, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं. उनकी पत्नी रुतुजा लटके बृहन्मुंबई निगम की कर्मचारी हैं. उन्होंने चुनाव नियमों के तहत अपने पद से इस्तीफा दिया है. लेकिन अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है.

बृहन्मुंबई निगम प्रमुख इकबाल सिंह चहल ने इस बात से इनकार किया कि वह सरकार के किसी दबाव में हैं. इकबाल सिंह चहल ने एनडीटीवी से कहा, "मैं इस पर 30 दिनों के भीतर फैसला ले सकता हूं. 3 अक्टूबर को इस्तीफा पत्र सौंपा गया है. मुझ पर सरकार का कोई दबाव नहीं है." वहीं रुतुजा लटके ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुरोध किया कि नगर निकाय को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए. कोर्ट गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी.

वहीं, शिवसेना विधायक अनिल परब ने कहा, "शिंदे गुट की ओर से रुतुजा लटके पर उनके खेमे से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. हमने यह भी सुना है कि उन्हें मंत्री पद देने का ऑफर भी है. बीएमसी ने एक महीने से अधिक समय के बाद भी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है."

अनिल परब ने कहा कि रुतजा लटके ने 2 सितंबर को इस्तीफा दे दिया, लेकिन हाल ही में उन्हें बताया गया कि उनका पत्र उचित प्रारूप में नहीं था. समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने एक नया इस्तीफा दिया है जिसे स्वीकार किया जाना बाकी है. 

सरकार ने भी रुतजा पर किसी तरह के दबाव बनाए जाने के आरोपों को खारिज किया है. शिंदे गुट की प्रवक्ता किरण पावस्कर ने कहा, "एकनाथ शिंदे ने अपने जीवन में ऐसा कुछ नहीं किया है, लेकिन उद्धव ठाकरे के 100 उदाहरण हैं. एकनाथ शिंदे से जुड़ा एक भी उदाहरण नहीं मिल सकता." 

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उधर, रुतुजा लटके ने कहा कि वह शिंदे से नहीं मिली हैं. उन्होंने ठाकरे धड़े के 'मशाल' चिन्ह पर उपचुनाव लड़ने की बात कही. यह पूछे जाने पर कि क्या वह दबाव में थीं, उन्होंने कहा, "क्या मैं ऐसी दिखती हूं? रुतुजा लटके ने कहा, "मेरे दिवंगत पति की तरह, मेरी वफादारी उद्धव ठाकरे के साथ है."

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