भारत के साथ फ्री ट्रेड समझौता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ऋषि सुनक : डाउनिंग स्ट्रीट

यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोहराया कि एक संतुलित व्यापार सौदे पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दोनों पक्षों को लाभान्वित करता है. भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी.

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ऋषि सुनक को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था.

लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने बुधवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में गहन बातचीत जारी है. नए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक संतुलित सौदा हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पिछले हफ्ते 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालने वाले ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ "बहुत गर्मजोशी से" परिचयात्मक मुलाकात की थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी.

यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोहराया कि एक संतुलित व्यापार सौदे पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दोनों पक्षों को लाभान्वित करता है. भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी. उनके बाद लिज ट्रस ने भी इस प्रस्तावित ट्रेड डील का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाने पर जोर दिया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली पर ही इस पर समझौता भी होना था, लेकिन ब्रिटेन में जारी राजनीतिक उठापटक के कारण नहीं हो पाया. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुनक के बीच हुई बातचीत के बाद इस डील के जल्द से जल्द फाइनल होने की संभावना है.

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जनवरी से ही बातचीत चल रही है. मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संभावित मुक्त व्यापार के पहले चरण के रूप में बढ़ी हुई व्यापार साझेदारी का ऐलान किया था.

तब से बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं. अगस्त में पांचवें दौर में, दोनों पक्षों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने 85 अलग-अलग सेशन में 15 नीति क्षेत्रों को कवर करते हुए एक मसौदा तैयार किया था, जिस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है.

बता दें कि FTA का पूरा नाम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है यानी मुक्त व्यापार संधि. इसके जरिए दो देशों के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है और दोनों देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने पर काम किया जाता है. जब दो देशों के बीच एफटीए साइन होता है तो उन देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि में छूट दी जाती है या नियमों को आसान बना दिया जाता है. 

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