महाराष्ट्र के विधायक रवि राणा - एक स्वतंत्र सांसद हैं, जिनकी पत्नी नवनीत राणा अमरावती कि निवर्तमान सांसद हैं और बीजेपी में शामिल होने वाली नई सदस्य हैं. रवि राणा ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक बहुत बड़ी भविष्यवाणी कर दी है. रवि राणा ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 20 जून तक एक बार फिर बीजेपी से हाथ मिला लेंगे. ॉ
उन्होंने कहा, "मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मोदी जी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के 15 दिन बाद उद्धव ठाकरे मोदी सरकार में और मोदीजी के साथ नजर आएंगे. आने वाला दौर मोदी जी का है और उद्धव ठाकरे यह जानते हैं. नरेंद्र मोदी जी ही बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं."
निर्वाचन क्षेत्र बडनेरा से विधायक ने कहा, "विपक्षी एमवीए (ठाकरे की सेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस द्वारा गठित महा विकास अघाड़ी) के नेताओं को अपने पास बीपी की दवाएं और डॉक्टर रखने चाहिए... क्योंकि उनमें से कई 4 जून को बीमार पड़ जाएंगे. एमवीए का गठन 2019 में भाजपा-शिवसेना के विभाजन के बाद हुआ था. इसने बीजेपी को तब तक शासन में आने से रोका जब तक एकनाथ शिंदे जो अब मुख्यमंत्री हैं के नेतृत्व में शिवसेना की एक विद्रोही इकाई ने सदन को गिरा नहीं दिया.
इस दावे को ठाकरे के दाहिने हाथ माने जाने वाले संजय राउत ने हंसी में उड़ा दिया है. उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे 25 साल से शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं. (चुनाव के बाद) उद्धव ठाकरे फैसला करेंगे. रवि राणा जैसे व्यक्ति को उद्धव ठाकरे पर कुछ भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है."
उद्धव ठाकरे vs पीएम मोदी
उद्धव ठाकरे और नरेंद्र मोदी - जिनकी पार्टियां कभी घनिष्ठ सहयोगी थीं - के बीच संबंध 2019 के चुनाव के बाद से तेजी से खराब हो गए थे. महाराष्ट्र के नेताओं ने इस महीने प्रधानमंत्री को अतीत में समर्थन देने और वोट मांगने के लिए मतदाताओं से 'माफी' भी मांगी है. उन्होंने कहा था, "मैं आप सभी से नरेंद्र मोदी के लिए वोट मांगने के लिए मापी मांगता हूं क्योंकि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र के भरोसे को तोड़ा है."
वहीं, नरेंद्र मोदी एक बार फिर शिवसेना के साथ हाथ मिलाने के लिए पुरी तरह से तैयार हैं. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने उद्धव ठाकरे और शरद पवार के नेतृत्व वाली सेना और एनसीपी के धड़ों से आग्रह किया था कि वे कांग्रेस के साथ विलय करके मरने के बजाय अपनी अलग हुई इकाइयों में विलय कर लें. उन्होंने कहा, "नकली एनसीपी और नकली शिवसेना ने कांग्रेस के साथ विलय करने का मन बना लिया है... लेकिन मरने के बजाय, अजित पवार (बागी एनसीपी नेता) और एकनाथ शिंदे (सेना के अलग हुए धड़े के प्रमुख) के पास आ जाएं."
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह किसी भी समय उद्धव ठाकरे की मदद के लिए तैयार है. उन्होंने "बालासाहेब ठाकरे के अपने प्रति प्रेम और स्नेह का हवाला दिया."