राज ठाकरे के बेटे के खिलाफ उद्धव ठाकरे और शिंदे ने उतारा उम्मीदवार, जानिए क्या कह रहे जानकार 

Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है और ठाकरे परिवार के ही एक बेटे के खिलाफ शिवसेना के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. जानिए सारा मामला...

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Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है.

Maharashtra Assembly Election: ठाकरे परिवार के एक और सदस्य अमित ठाकरे (Amit Thackeray) की चुनावी पारी शुरू हो रही है. राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे को माहिम से टिकट मिला है, लेकिन सामने हैं शिवसेना के सदा सरवणकर और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के महेश सावंत! इसके चलते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब सबसे दिलचस्प मुकाबला अब माहिम विधानसभा क्षेत्र में होगा. दादर-माहिम चुनावी क्षेत्र में लड़ाई त्रिकोणीय है, क्योंकि एमएनएस और शिवसेना के दोनों ठाकरे-शिंदे गुट आपस में भिड़ रहे हैं. आदित्य ठाकरे के बाद अब अमित ठाकरे परिवार के दूसरे ऐसे सदस्य हैं जो चुनावी राजनीति में कदम रख रहे हैं. 

उद्धव के उम्मीदवार क्या बोले

एमएनएस के अविनाश जाधव ने कहा कि अमित ठाकरे का लड़ना पार्टी को बड़ी ताक़त देगा. किसी के समर्थन की हमें ज़रूरत नहीं. उद्धव गुट के इस सीट से उम्मीदवार महेश सावंत ने कहा कि हम सभी कड़ी मेहनत करेंगे और फिर से माहिम विधानसभा क्षेत्र, प्रभादेवी, दादर पर शिवसेना का भगवा फहराएंगे. चाहे कितनी भी चुनौती हो, दिन-रात जनता से मिलने वाला प्रत्याशी जनता से मिल चुका है, जनता के मन का प्रत्याशी मिल चुका है. इसलिए हमें किसी से चुनौती महसूस नहीं होती. हम उसी तरह काम करने जा रहे हैं, जैसे बाला साहेब की शिव सेना और उद्धव साहेब की शिव सेना काम करती है. अंत में जीत ठाकरे समूह की होगी. हम आपसे 23 तारीख को बात करेंगे. उद्धव ठाकरे ने हमसे कहा कि मुझे और कुछ नहीं चाहिए, मैं माहिम पर भगवा फहराना चाहता हूं.

क्या बोले विश्लेषक

जहां महायुति से चर्चा के बाद अमित ठाकरे को सुरक्षित सीट दिलाने की राज ठाकरे की रणनीति की खूब चर्चा हो रही थी, वहां अब ये त्रिकोणीय उम्मीदवारी की तस्वीरों के कई अपने मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक जयंत माइंकर बताते हैं कि मुझे नहीं लगता राज ठाकरे ये सुसाइडल फ़ैसला करेंगे. अमित ठाकरे को पहली बार पूरी रणनीति बनाकर ही उतार रहे होंगे! दिखावे के लिए ये तस्वीर दिख रही है. शायद सदा सरवनकर अपना नॉमिनेशन वापस ले लें बाद में, कह नहीं सकते! 

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एमएनएस कम नहीं

दरअसल, माहिम निर्वाचन क्षेत्र पर ऐतिहासिक रूप से एमएनएस और शिवसेना के बीच करीबी मुकाबला देखा गया है, जिसमें एमएनएस ने 2009 में माहिम की सीट जीती थी. 2014 में हारी, लेकिन 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में, एमएनएस के उम्मीदवारों ने शिवसेना के सदा सरवणकर को कड़ी टक्कर दी थी.

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