महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के पहले दिन उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अनुपस्थिति ने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में गहन अटकलों को हवा दी, जो उनके बेटे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के एक बयान के बाद भी कम नहीं हुईं. आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री की हालत ठीक है, मैंने उनसे फोन पर बात की है, वह जब चाहेंगे तब आएंगे.
बता दें कि 61 वर्षीय उद्धव ठाकरे की हाल ही में सर्वाइकल स्पाइन की सर्जरी हुई थी. कल मंगलवार को उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लिया और वीडियो कॉल के जरिए ही शिवसेना विधायकों के साथ चाय पर चर्चा भी की.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में शिवसेना सांसदों से मुख्यमंत्री ठाकरे के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. वहीं भाजपा के महाराष्ट्र प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा में पहले ही दिन मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को "अनुचित" कहा और सुझाव दिया कि उद्धव ठाकरे के स्वस्थ होने तक किसी और को कार्यभार संभालना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री शीतकालीन सत्र में भाग लेने में असमर्थ हैं तो उन्हें कार्य करने के लिए किसी को नामित करना चाहिए. यह अनुचित है कि मुख्यमंत्री विधायिका की कार्यवाही से अनुपस्थित रहे. हम सत्र से मुख्यमंत्री की पूर्ण अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे.
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महाराष्ट्र गठबंधन में शिवसेना के सहयोगियों पर कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता ने टिप्पणी की कि उन्हें कांग्रेस और राकांपा पर भरोसा नहीं है क्योंकि एक बार पद मिलने के बाद वे इसे नहीं छोड़ सकते. उनके बेटे आदित्य ठाकरे को प्रभार दिया जा सकता है.
इसके जवाब में महाराष्ट्र के एक अन्य मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि किसी भी प्रतिस्थापन की कोई आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का स्वास्थ्य अच्छा है और वह किसी भी समय विधायिका में आ सकते हैं. किसी और को प्रभार सौंपने की जरूरत नहीं है. वह घर से काम कर रहे हैं.