शिवसेना के उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच बुधवार शाम दक्षिण मुंबई के बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय में पार्टी कार्यालय में तीखी नोकझोंक हुई. पुलिस के हस्तक्षेप करने तक परिसर में एक घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रही. उत्तर मध्य मुंबई के सांसद राहुल शेवाले, स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जाधव और शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना से संबंधित पूर्व पार्षद शीतल म्हात्रे शाम लगभग 5 बजे पार्टी कार्यालय में दाखिल हुए.
सूत्रों ने बताया कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के पूर्व पार्षदों जिनमें आशीष चेंबूरकर और सचिन पडवाल शामिल हैं, उन्होंने उनकी मौजूदगी पर आपत्ति जताई, जिसके कारण उनमें तीखी नोकझोंक हुई.
उन्होंने बताया कि लगभग एक घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रही और पुलिस के आने से पहले दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और इसके बाद सभी को कार्यालय से हटा दिया गया. दोनों गुटों ने कुछ खबरों के विपरीत दावा किया, कि किसी भी पक्ष द्वारा पार्टी कार्यालय पर दावा करने का कोई प्रयास नहीं किया गया था. नगर निकाय मुख्यालय में भूतल पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालय हैं.
शेवाले ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि वे पार्टी कार्यालय पर कोई दावा करने नहीं गए थे, बल्कि नगर निकाय आयुक्त से मिलने के लिए बीएमसी भवन में थे. महाराष्ट्र के मंत्री एवं शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने नागपुर में कहा कि कार्यालय शिवसेना का है, और उनका गुट मूल शिवसेना है क्योंकि उनके दावे को महाराष्ट्र विधानसभा ने भी स्वीकार कर लिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (ठाकरे गुट को) यह पता होना चाहिए कि वे पहले ही हर जगह अपना बहुमत खो चुके हैं. उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे और हिंदुत्व की विचारधारा को छोड़ दिया है और वे अल्पमत में हैं.''