उदयपुर के शाही परिवार के दो गुटों के बीच विवाद.
सोमवार 25 नवंबर को विश्वराज सिंह को मेवाड़ के पूर्व राज परिवार (Mewar Royal Family Dispute) का मुखिया नियुक्त किया गया था. खून से उनका राजतिलक हुआ. गद्दी पर बैठने के लिए पगड़ी दस्तूर की रस्म हुई. चित्तौड़गढ़ के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद वह उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी स्थल के दर्शन के लिए जाना चाहते थे. लेकिन मौजूदा ट्रस्ट के मुखिया और चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने उनको भीतर जाने से रोक दिया. जिसके बाद पथराव का ये पूरा बवाल शुरू हुआ.
- नए महाराणा की ताजपोशी पर बवाल: राजस्थान की मेवाड़ रियासत में नए महाराणा की ताजपोशी को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है. उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर सोमवार देर रात तक काफी तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, जहां मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को अंदर नहीं जाने दिया गया.
- उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर पथराव: हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है. मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी है. धूणी सिटी पैलेस में वही जगह है, जहां विश्वराज सिंह को दर्शन के लिए जाना है.
- कानून और व्यवस्था नियंत्रण में: उदयपुर के शाही परिवार के दो गुटों के बीच सोमवार रात हुई झड़प के बाद जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा कि हालात अब नियंत्रण में है.उन्होंने मीडिया से कहा, "कानून और व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है. महल के प्रतिनिधियों के साथ ही समाज के प्रतिनिधियों संग भी बातचीत चल रही है. हम कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं, जबकि अन्य लोगों से बातचीत अभी भी जारी है."
- धूनी माता मंदिर प्रशासन के कब्जे में: जिला कलेक्टर पोसवाल ने कहा कि प्रशासन ने विवादित धूनी माता मंदिर स्थल को अपने कब्जे में ले लिया है. अगर दोनों गुटों में से कोई भी केस दर्ज करना चाहता है तो मामला जरूर दर्ज किया जाएगा. बता दें कि सोमवार रात को उदयपुर के शाही परिवार के दो गुटों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद सिटी पैलेस के बाहर पथराव हुआ.
- महल में प्रवेश से रोके जाने पर बवाल: राजसमंद से बीजेपी विधायक और मेवाड़ के नव नियुक्त महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थकों ने महल में प्रवेश करने से रोके जाने पर उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर डेरा डाल दिया. सिटी पैलेस के बाहर विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच हालात गहमागहमी हो गई.
- सिटी पैलेस के बाहर क्यों बिगड़े हालात: मेवाड़ के महाराणा विश्वराज सिंह को कथित तौर पर महल में प्रवेश से मना कर दिया गया था. उनको महल में न जाने देने से उनके समर्थक नाराज हो गए. विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया और महल में जबरन घुसने की कोशिश की. महल के भीतर मौजूद लोगों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे हालात और बिगड़ गए.
- पूर्व शाही परिवार में विवाद की वजह: मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राज्याभिषेक के बाद कथित तौर पर पूर्व शाही परिवार में विवाद शुरू हो गया. दरअसल उदयपुर के राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म के मौके पर सोमवार को बवाल हो गया.
- राजतिलक को लेकर तल्खी: विश्वराज सिंह और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के बीच राजतिलक को लेकर तल्खियां बढ़ गई हैं. महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और लक्ष्य राज सिंह के पिता अरविंद सिंह मेवाड़ का परिवार राजतिलक पर नाखुशी जताई है. ऐसे में राजतिलक की परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए थे.
- शाही परिवार के भाइयों में विवाद: महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है.अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज सिंह के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है.
- मालिकाना हक पर घमासान: मेवाड़ के पूर्व राजघराने की नई पीढ़ियों के बीच मालिकाना हक को लेकर विवाद है. इनका मैनेजमेंट 9 ट्रस्ट देखता है. राजघराने की गद्दी को संभालने के लिए महाराणा भगवत सिंह ने ‘महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन' संस्था शुरू की. यह संस्था उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाती है.इन सभी ट्रस्ट को विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ही संभालते हैं. अरविंद सिंह मेवाड़ इस चैरिटबल ट्रस्ट के चेयरमैन हैं.
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