राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की कैमरे पर लाइव हत्या के बाद तनाव पैदा हो गया है. इसके अलावा इस मामले की जांच एनआईए की ओर से की जा रही है. टेलर कन्हैया लाल ने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अपने पड़ोसियों से मिल रही धमकियों के बारे में पुलिस से शिकायत की थी. कन्हैया लाल को 11 जून को सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाली एक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया गया था. एक दिन बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. 15 जून को वह जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास गया था.
शिकायत में, उसने दावा किया कि सोशल मीडिया पोस्ट उसके बेटे ने "गलती से" कर दी थी, जो मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था. कन्हैया लाल ने 15 जून को अपनी शिकायत में लिखा, 'पांच-छह दिन पहले मेरे बेटे ने मोबाइल फोन पर गेम खेलते समय अचानक गलती से आपत्तिजनक पोस्ट डाल दिया, जिसकी मुझे जानकारी नहीं थी. लेकिन दो दिन बाद, दो आदमी आए और मेरा मोबाइल फोन लेने की कोशिश की.'
48 वर्षीय ने कहा था कि तीन दिनों से दो व्यक्ति उसकी दुकान के पास घात लगाए हुए हैं और उन्होंने उसे दुकान खोलने से रोक दिया.
कन्हैया लाल ने अपने पड़ोसियों का नाम लेते हुए आरोप लगाया था, 'वे तीन दिनों से मेरी दुकान की रेकी कर रहे हैं और मुझे दुकान खोलने नहीं खोलने दे रहे. वे मुझ पर दबाव बना रहे हैं. कृपया इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, मेरी दुकान खोलने में मेरी मदद करें और मेरी रक्षा करें.'
पुलिस ने दोनों समुदायों के नेताओं के साथ दर्जी और उस पर धमकाने के आरोपित पड़ोसियों के साथ समस्या का समाधान करने की कोशिश की.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हवा सिंह घुमारिया ने कहा, "सभी पक्षों और समुदाय के नेताओं को थाने बुलाया गया और मामले को सुलझाया गया था.'
तब कन्हैया लाल ने लिखित में दिया था कि सब कुछ हल हो गया है और उसे और पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है.
उसकी पत्नी यशोदा ने कहा, लेकिन वह अभी भी डरा हुआ था. उन्होंने बताया, 'वह एक सप्ताह तक अपनी दुकान पर नहीं गया. वह मंगलवार को पहली बार गया था'
पुलिस का कहना है कि जिन लोगों ने उन पर हमला किया, वे वे लोग नहीं थे जिन्होंने उसे धमकी दी थी।
कन्हैया लाल को उसकी दुकान में दो लोगों, गोस मोहम्मद और रियाज़ अख्तरी ने मार डाला. इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने इस पूरी वारदात को कैमरे में कैद किया, इस हत्यारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी. दोनों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे एक बाइक पर भागने की कोशिश कर रहे थे, उनके चेहरे हेलमेट से ढके हुए थे.