उदयपुर हत्याकांड : लापरवाही के आरोप में पुलिस अफसर किया गया निलंबित, राज्य में निषेधाज्ञा लागू

मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो के मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए, साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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प्रारंभिक जानकारी में ये सामने आया है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं.
जयपुर:

Udaipur Tailor Murder: उदयपुर में हुई जघन्य हत्या के बाद यहां के धानमंडी थाने के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को मंगलवार को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. धानमंडी थानाक्षेत्र में सोमवार को दो व्यक्तियों ने एक दर्जी की कथित रूप से गला काटकर हत्या कर दी थी और सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि उन्होंने ‘‘इस्लाम के अपमान'' का बदला लेने के लिए ऐसा किया. घटना के बाद रात आठ बजे उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.

दरअसल टेलर कन्हैया लाल को सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां करने के मामले में स्थानीय पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. जमानत मिलने के बाद दर्जी ने 15 जून को पुलिस को बताया था कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं. हत्या की घटना के बाद पुलिस ने शिकायत के समय लापरवाही बरतने के आरोप में एक सहायक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवा सिंह घूमरिया ने कहा कि कन्हैया लाल के खिलाफ 11 जून को सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट साझा करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

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15 जून को, जब वह जमानत पर था, उसने पुलिस को बताया कि उसे धमकी भरे फोन आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय एसएचओ ने उन्हें, शिकायतकर्ता और दोनों समुदायों के कुछ लोगों को थाने बुलाया और मामला सुलझा लिया. उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक हिंगलाज दान ने बताया कि हत्या के बाद एएसआई भंवर लाल को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया . उन्होंने कहा कि आरोप है कि एएसआई ने कन्हैया लाल द्वारा धमकी भरे कॉलों के संबंध में उठाई गई चिंता पर ध्यान नहीं दिया.

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वहीं मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने मंगलवार शाम उच्चस्तरीय बैठक की और सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. सरकारी बयान में मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किए जाने, सभी जिलों में आगामी एक माह तक धारा 144 लागू करने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिए हैं.

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मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो के मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए, साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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केंद्र उदयपुर में की गई दर्जी की नृशंस हत्या को आतंकवादी हमला मान रहा है और एक जांच दल भेजा गया है. जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से यह बात सामने आई है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मामले की गहन जांच करेगा और गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पृष्ठभूमि की पड़ताल करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह एक आतंकी मामला लगता है और इसकी गहन जांच की जरूरत है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगालना शामिल है.

कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है. घटना से सांप्रदायिक तनाव पैदा होने के बाद उदयपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

वीडियो क्लिप में एक कथित हमलावर को यह कहते सुना जा सकता है कि उसने एक आदमी का सर कलम कर दिया है. उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी देते हुए कहा कि ‘‘उनका छुरा उन (मोदी) तक भी पहुंचेगा.'' हमलावरों ने परोक्ष रूप से नुपुर शर्मा का भी जिक्र किया जिन्हें पैगंबर मोहम्मद पर एक टिप्पणी के मामले में भाजपा से निलंबित किया गया था.

दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देने के आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनमें से एक ने खुद की पहचान रियाज अख्तरी के रूप में की. अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से मिले हैं, जिसकी भारत में भी शाखाएं हैं. दावत-ए-इस्लामी के कुछ सदस्य 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या सहित कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे. पुलिस के अनुसार आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से पकड़ा गया.

राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें भीम क्षेत्र में नाकेबंदी के दौरान पकड़ लिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आरोपियों की पहचान की पुष्टि की है. 10 टीम को आरोपियों की तलाश में लगाया था.''

सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के अनुसार दोनों आरोपी धानमंडी थाना क्षेत्र स्थित टेलर की दुकान पर दोपहर के समय पहुंचे. इनमें से एक ने अपना नाम रियाज बताया है. उसने अपने आप को एक ग्राहक बताया और टेलर ने उसका नाप लेना शुरू कर दिया. इस दौरान उसने टेलर पर हमला कर दिया, वहीं दूसरे आरोपी ने मोबाइल फोन से घटना का वीडियो बनाया. वीडियो के अनुसार, जब टेलर नाप लेकर लिख रहा था उस दौरान रियाज ने अचानक धारदार हथियार से उस पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए तथा बाद में एक और वीडियो में उन्होंने अपराध करने की पुष्टि की.

घटना के सामने आने के बाद इसके विरोध में स्थानीय बाजारों में दुकानें बंद कर दी गयीं. दुकानदारों ने पुलिस को कन्हैयालाल का शव ले जाने से रोका और कहा कि हत्यारों की गिरफ्तारी होने तथा मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा के बाद ही वे शव ले जाने देंगे.

VIDEO: उदयपुर हत्या के दोनों आरोपी गिरफ्तार, जांच के लिए NIA की टीम रवाना

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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