बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Assembly Budget session) में अब तक दो बात की चर्चा सबसे अधिक हो रही हैं.एक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को ग़ुस्सा क्यों आता हैं जिसके बाद उन्हें खुद सफ़ाई देनी पड़ी कि वो किसी सदस्य को धमकी नहीं देते और दूसरा, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपने भाषण में कैसे नीतीश कुमार सरकार के सारे दावों की पोल खोल देते हैं. गुरुवार को बिहार विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान में बोलते हुए तेजस्वी ने सरकार से पूछा कि जब कोई कल कारख़ाने नहीं लगे, आर्थिक मोर्चे पर राज्य में कोई उपलब्धि भी सरकार नहीं गिना पाई तब जीडीपी (GDP) में 10 प्रतिशत के दर से आर्थिक वृद्धि कैसे हुई. तेजस्वी ने आंकड़े पेश करके ये साबित करने की कोशिश कि देखिए जब लालू -राबडी शासन था तब भी बजट के आकार में आठ गुना बढ़ोतरी हुई और अब नीतीश कुमार के शासनकाल में भी उतनी ही वृद्धि हुई हैं और केंद्र के बजट के विकास में समान वृद्धि का प्रतिशत हैं .
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से आखिर क्यों कहा, मुझे गिरफ़्तार कीजिए?
वैसे, तेजस्वी यादव जब बोल रहे थे तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे. इसके बावजूद पूरी तैयारी कर आये तेजस्वी ने सीएम पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी.सबसे ख़ास बात यह थी कि सत्ता पक्ष के लोग भी उनके भाषण को ध्यानपूर्वक सुन रहे थे. तेजस्वी ने अख़बार की क्लिपिंग लहराते हुए भाजपा के मंत्रियों को कहा कि देखिए आप लोगों की संख्या भले मंत्रिमंडल में अधिक हो, लेकिन बजट के आवंटन में नीतीश और उनके मंत्रियों के पास आपसे दुगुनी राशि है.
नीतीश कुमार को क्यों सफ़ाई देनी पड़ी कि वो किसी को धमकाते नहीं हैं
राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद पिछले तीन दिन के दौरान बिहार विधान सभा में यह दूसरा मौक़ा था जब तेजस्वी अपने भाषण में तथ्यों के आधार पर नीतीश कुमार के दावों की पोल खोलने का प्रयास कर रहे थे. हालांकि पूर्व की तुलना में उनके भाषण में तल्ख़ी कम थी लेकिन पहली बार वो शेरोंशायरी का भी सहारा लेते भी नजर आए