बैंकों में दो दिन की छुट्टी के बाद दो दिन की हड़ताल : 10 लाख बैंककर्मी शामिल, सेवाएं होंगी बाधित

इस हड़ताल के चलते बैंकों की शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लीयरैन्स तथा लोन अप्रूवल जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी. हालांकि ATM सेवाएं निर्बाध जारी रहने की संभावना है.

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नौ विभिन्न बैंक यूनियनों के एकजुट संगठन द यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण तथा 'पीछे ले जाने वाले' बैंकिंग सुधारों के खिलाफ 15 तथा 16 मार्च को दो-दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इस हड़ताल में 10 लाख से अधिक बैंक कर्मी तथा अधिकारी शामिल होंगे.

UFBU द्वारा आहूत की गई इस हड़ताल में बैंक यूनियनों - ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज़ एसोसिएशन (AIBEA), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयीज़ (NCBE), बैंक एम्प्लॉयीज़ फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयीज़ फेडरेशन (INBEF), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), नेशनल ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO), नेशनल ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) के सदस्य शामिल होंगे.

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इस हड़ताल के चलते बैंकों की शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लीयरैन्स तथा लोन अप्रूवल जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी. हालांकि ATM सेवाएं निर्बाध जारी रहने की संभावना है. बैंक 13 मार्च को माह का दूसरा शनिवार तथा 14 मार्च को रविवार होने के कारण बंद रहे थे, जिसकी वजह से नियमित बैंकिंग सेवाएं इस हड़ताल के चलते अब लगातार चार दिन तक बंद रहेंगी. 

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट घोषणाओं के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों (IDBI बैंक के अलावा) के निजीकरण की घोषणा की थी. विनिवेश के इस कदम से सरकार का इरादा 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है. इसी घोषणा के विरुद्ध यह हड़ताल आहूत की गई है.

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बैंक यूनियनों के अलावा चार जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की यूनियनें 17 मार्च को हड़ताल पर रहेंगी. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की सभी यूनियनें 18 मार्च को हड़ताल पर जाएंगी. बीमा कंपनियों की यूनियनों ने सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल आहूत की है.

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