पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के नेतृत्व में पंजाब सुरक्षित हाथों में है और मौजूदा नेतृत्व ने अपनी जिम्मेदारियों को "आउटसोर्स" नहीं किया है. उन्होंने अमरिंदर सिंह पर साल 2017 में किए गए चुनावी वादों को पूरा नहीं करने को लेकर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य गृह मंत्री के बीच ट्वीट्स की जंग तब छिड़ गई, जब उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से पिछले कई वर्षों से मुलाकात करती रहीं पाकिस्तानी पत्रकार अरुसा आलम के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध हैं या नहीं?
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के साथ रक्षा मामलों के पत्रकार की तस्वीरों के बारे में पूछे जाने पर रंधावा ने कहा, 'कैप्टन कह रह हैं कि पंजाब को आईएसआई से खतरा है. इसलिए हम आईएसआई के साथ अरूसा आलम के संबंधों की भी जांच करेंगे.'
पंजाब के मंत्री ने कहा, ' कैप्टन अमरिंदर सिंह की महिला मित्र के ISI के साथ संबंधों की जांच करेंगे'
इन्हें "व्यक्तिगत हमले' बताते हुए अमरिंदर सिंह ने पटलवार करते हुए कहा कि आलम केंद्र की अनुमति लेकर पिछले 16 साल से भारत की यात्रा कर रही थीं. क्या आप ये आरोप लगा रहे हैं कि इस अवधि में केंद्र में राजग और कांग्रेस नीत यूपीए दोनों ही सरकारों की पाकिस्तानी आईएसआई से मिलीभगत रही?
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने सिंह के हवाले से ट्वीट कर कहा, 'सुखजिंदर आप मेरी कैबिनेट में मंत्री थे. तब कभी भी आपको अरुसा आलम को लेकर शिकायत करते नहीं सुना. आलम केंद्र की अनुमति लेकर पिछले 16 साल से भारत की यात्रा कर रही थीं. क्या आप ये आरोप लगा रहे हैं कि इस अवधि में केंद्र में राजग और कांग्रेस नीत यूपीए दोनों ही सरकारों की पाकिस्तानी आईएसआई से मिलीभगत रही?'
ठुकराल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अरूस आलम की एक तस्वीर भी ट्वीट की.
सिंह ने यह भी पूछा कि नशीले पदार्थों के मामलों पर वर्तमान सरकार द्वारा किए गए बड़े-बड़े वादों का क्या हुआ और कहा, 'पंजाब अभी भी आपके वादे की कार्रवाई का इंतजार कर रहा है.'
रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, "... आप कानून-व्यवस्था के बारे में चिंता न करें क्योंकि हमने पंजाब सरकार को 'किसी को' आउटसोर्स नहीं किया है.' उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बेअदबी के मामलों और नशीली दवाओं के मामलों की जांच को नतीजे तक ले जाने में नाकाम रहे.
मंत्री रंधावा ने दावा किया कि सिंह की लंबे समय से आलम के साथ मित्रता रही है और वह कई वर्षों तक भारत में रहीं और केंद्र सरकार ने समय-समय पर उनके वीजा को बढ़ाया. रंधावा ने गुरुवार को जालंधर में मीडिया से कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस में हुए हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर सिंह के पद से हटने के बाद आलम वापस पाकिस्तान चली गईं.
उन्होंने कहा, 'अरुसा लगभग साढ़े चार साल भारत में रहीं और समय-समय पर उनका वीजा बढ़ाया गया. दिल्ली ने उनका वीजा रद्द क्यों नहीं किया? जब हम अमरिंदर सिंह के खिलाफ गए, तब वह भारत छोड़कर क्यों चली गईं? मुझे लगता है कि इन सभी चीजों की जांच किए जाने की जरूरत है और कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी इन सवालों के जवाब देने होंगे.'
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