ट्विटर ने कार्टूनिस्ट मंजुल, अन्य को कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अनुरोध पर नोटिस भेजे

एजेंसियों ने ट्विटर से जानेमाने कार्टूनिस्ट मंजुल, तथ्य जांच करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर और अन्य के कुछ ट्वीट को कथित तौर पर कानून के उल्लंघन को लेकर हटाने के लिए कहा

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

ट्विटर ने कार्टूनिस्ट मंजुल सहित अन्य को कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अनुरोध पर नोटिस भेजे हैं. कानून लागू करने वाली अज्ञात एजेंसियों ने ट्विटर से जानेमाने कार्टूनिस्ट मंजुल, तथ्य जांच करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर और अन्य के कुछ ट्वीट को कथित तौर पर कानून के उल्लंघन को लेकर हटाने के लिए कहा है.

मंजुल, जुबैर और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म द्वारा भेजे गए नोटिस के स्क्रीनशॉट पिछले कुछ दिनों के दौरान अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए हैं. सूत्रों ने कहा कि इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इन विधिक अनुरोधों को ट्विटर को भेजने में शामिल नहीं है. यह स्पष्ट नहीं है कि किन एजेंसियों ने इन उपयोगकर्ताओं द्वारा किए गए ट्वीट के मामले को उठाया है और और किन उल्लंघनों के लिए ऐसा किया है.

ट्विटर को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इस बीच, मंजुल द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट में ट्विटर को यह कहते हुए दिखाया गया है, ‘‘हम यह आपको पारदर्शिता के हित में सूचित करने के लिए लिख रहे हैं कि ट्विटर को आपके ट्विटर अकाउंट के संबंध में भारतीय कानून लागू करने वाली एजेंसियों से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है जिसमें दावा किया गया है कि... सामग्री से भारत के कानून का उल्लंघन होता है.''

इसमें कहा गया है कि ट्विटर ने ‘‘इस अनुरोध के परिणामस्वरूप इस समय उल्लेखित की गई सामग्री पर कोई कार्रवाई नहीं की है.'' ट्विटर ने अपने नोटिस में कहा कि यदि उसे किसी उपयोगकर्ताओं के अकाउंट से सामग्री हटाने के लिए किसी अधिकृत इकाई (जैसे कानून लागू करने वाली या सरकारी एजेंसी) से कानूनी अनुरोध प्राप्त होता है तो उन्हें सूचित करना कंपनी की नीति है.

ट्विटर ने खाताधारकों को यह भी सूचित किया कि हालांकि प्लेटफार्म कानूनी सलाह देने में असमर्थ है, ‘‘हम चाहते हैं कि आपको अनुरोध का मूल्यांकन करने का अवसर मिले और यदि आप चाहें तो अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करें.'' ट्विटर ने कहा, ‘‘इसमें कानूनी सलाह लेना और अदालत में अनुरोध को चुनौती देना, प्रासंगिक नागरिक समाज संगठनों से संपर्क करना, स्वेच्छा से सामग्री को हटाना (यदि लागू हो) या कोई अन्य समाधान खोजना शामिल हो सकता है.''

मोहम्मद जुबैर और सूर्य प्रताप सिंह ने भी ट्विटर से समान शब्दों वाले नोटिस के स्क्रीनशॉट अपने-अपने अकाउंट पर साझा किये. इन तीनों उपयोगकर्ता के प्लेटफॉर्म पर लाखों फॉलोअर्स हैं.

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पिछले कुछ महीनों के दौरान ट्विटर का भारत सरकार के साथ कई बार टकराव हुआ है, जिसमें किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान टकराव और बाद में तब हुआ टकराव शामिल है जब इसने सत्तारूढ़ दल भाजपा के कई नेताओं के राजनीतिक पोस्ट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया'' के रूप में टैग किया.

ट्विटर को आईटी नियमों का पालन करने में देरी के लिए भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसके तहत बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है तथा प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनने की जरूरत है.

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नियमों के तहत प्रमुख सोशल मीडिया मंचों जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है उन्हें एक शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है. इन कर्मियों को भारत का निवासी होना चाहिए.

इस हफ्ते की शुरुआत में, ट्विटर ने भारत सरकार को आश्वासन दिया है कि वह नए आईटी नियमों के तहत मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति को अंतिम रूप देने के अग्रिम चरण में है. उसने कहा था कि वह एक सप्ताह के भीतर अतिरिक्त विवरण प्रस्तुत करेगा. हाल ही में सरकार द्वारा उल्लेख किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में ट्विटर के अनुमानित 1.75 करोड़ उपयोगकर्ता हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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