टैरिफ विवाद के बीच अमेरिका से बड़े सौदे की तैयारी में भारत, फाइनल स्टेज में GE से 113 इंजन खरीदने की डील

एचएएल, जीई के साथ 80 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ उसके GE-414 इंजन खरीदने के लिए भी बातचीत कर रहा है.

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  • अमेरिकी कंपनी GE के साथ भारत की 113 GE-404 इंजन की डील फाइनल स्टेज में
  • इस डील के तहत इंजन भारत के लाइट कॉम्बेट फाइटर जेट तेजस के लिए यूज किए जाएंगे
  • HAL के साथ पहले से 99 इंजन का सौदा हो चुका है, कुल जरूरत 212 इंजन की होगी
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नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर थोपा गया टैरिफ आज से लागू हो रहा है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत के कई सेक्टरों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. हालांकि बातचीत के रास्ते अभी खुले हैं. इस बीच एक खबर ये भी आ रही है कि भारत और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच लगभग लगभग 8300 करोड़ का बड़ा रक्षा सौदा फाइनल स्टेज में है. इस सौदे के तहत अमेरिकी कंपनी GE भारत को 113 GE-404 इंजन सप्लाई करेगी, जो भारत के लाइट कॉम्बेट फाइटर जेट तेजस के लिए इस्तेमाल होंगे. समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह डील सितंबर तक पक्की हो सकती है.

क्या है सौदा, जानिए

अमेरिकी कंपनी GE ने पहले ही 83 तेजस फाइटर मार्क 1A विमानों के लिए 99 इंजन का सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ किया था. अब 113 और इंजन की खरीद से HAL की कुल जरूरत 212 GE-404 इंजन की सप्लाई होगी, जिससे किसी तरह की देरी नहीं होगी. GE हर महीने दो इंजन सप्लाई करेगी, ताकि योजना के अनुसार तेजस विमानों का निर्माण समय पर पूरा हो सके. HAL को 2029-30 तक पहले 83 विमान और 2033-34 तक 97 और तेजस मार्क 1A जेट देने हैं. इस बारे में रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि इस सौदे के इस साल सितंबर तक पूरा होने की संभावना है.

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी बातचीत

उन्होंने बताया कि एचएएल 2029-30 के अंत तक पहले 83 जेट और 2033-34 तक 97 एलसीए मार्क 1ए जेट की अगली खेप की आपूर्ति करने के लिए काम कर रहा है. एचएएल, जीई के साथ 80 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ उसके जीई-414 इंजन खरीदने के लिए भी बातचीत कर रहा है. इस समय भारत को अपने एलसीए मार्क 2 और उन्नत मीडिया फाइटर जेट के लिए 200 जीई-414 इंजनों की जरूरत है. अधिकारियों ने बताया कि इस सौदे पर अगले कुछ महीनों में हस्ताक्षर होने की संभावना है और इसके लिए बातचीत लंबे समय से चल रही है. भारत को एलसीए मार्क 2 जेट के लिए 162 इंजन और एएमसीए के 5 प्रोटोटाइप के लिए 10 अन्य इंजनों की आवश्यकता है.

टैरिफ के बीच बड़ी डील

यह डील ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद चल रहा है. इससे पहले भारत ने 62,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 और तेजस जेट खरीदने का फैसला कर चुकी है. भारत की योजना में तेजस मार्क 2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए 200 GE-414 इंजन की जरूरत है. HAL GE के साथ GE-414 इंजन के लिए भी बातचीत कर रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर शामिल होगा. सरकार की योजना है कि पुराने फाइटर जेट्स को पूरी तरह से हटाकर स्वदेशी तेजस जेट्स को शामिल किया जाए, जिससे भारतीय एयरफोर्स की ताकत में और इजाफा होगा.

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