त्रिपुरा में चुनावी बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में 27 फरवरी को वोट डाले (Tripura Assembly Elections 2023) जाएंगे और 2 मार्च को रिजल्ट आना है. चुनाव की तैयारियों को लेकर एनडीटीवी ने मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ( CM Manik Saha) से एक्सक्लूसिव बातचीत की. माणिक साहा ने कहा कि चुनाव कभी भी हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी 365 दिन लगातार काम करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हम सभी काम कर रहे हैं.
इस बार त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने क्या चुनौतियां हैं? क्या सीपीएम या दूसरी पार्टी बीजेपी को टक्कर दे सकती है? इस सवाल के जवाब में माणिक साहा ने कहा, 'बीजेपी के सामने कोई खास चुनौतियां नहीं हैं. विपक्ष में तो सीपीएम है ही. लेकिन अभी सीपीएम ने कांग्रेस के साथ एक गठबंधन किया है. पहले हमलोग सुनते थे कि 'त्रिपुरा में इनकी कुश्ती और दिल्ली में इनकी दोस्ती'... लेकिन ये दोस्ती अब सबके सामने आ गई है. इससे हमें फायदा हुआ है.'
साहा ने कहा, 'कांग्रेस पहले त्रिपुरा असेंबली में अपोजिशन में थी. सीपीएम के शासन में राज्य में इतना खूब-खराबा हुआ है कि जनता त्रस्त आ गई थी. आगजनी, हिंसा, लोगों को डराना-धमकाना, राज्य से भगाना.... इन सब से लोग परेशान थे. अब इन दोनों पार्टियों के अलायंस से क्या होगा. लोग जो त्रस्त थे, वो कैसे इन पार्टियों के पास जा सकते हैं? कांग्रेस-सीपीएम अपने अलायंस को कैसे जस्टिफाई करेगी? इसलिए ये चुनाव में बीजेपी के लिए बहुत फायदेमंद होगा.
माणिक साहा ने एनडीटीवी से कहा, '5 जनवरी को राज्य के दो प्रांतों से बीजेपी ने 'जन विश्वास' यात्रा निकाली थी. इस यात्रा में गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए थे. यात्रा में जिस हिसाब से भीड़ जुटी थी, उसके बारे में हमने सोचा नहीं था. हमारी पार्टी को जनता का अपार भरोसा मिला है. बीजेपी ने त्रिपुरा में सीपीएम के राज से हमें मुक्ति दिलाई है.'
माणिक साहा ने कहा कि 'जन विश्वास' यात्रा का 12 जनवरी को समापन हुआ था. इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आए थे. तब भी जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ था. जन विश्वास' यात्रा की सफलता से पता चलता है कि जनता हमारे साथ है.
बता दें कि पेशे से डेंटिस्ट डॉ. साहा सक्रिय राजनीति में आने से पहले त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाया करते थे. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी. साहा कांग्रेस में रहने के दौरान त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. 2016 में बीजेपी के ऑपरेशन नॉर्थ-ईस्ट के दौरान उन्हें पार्टी में शामिल कराया गया.
साहा को भाजपा ने त्रिपुरा चुनाव से पहले पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके अलावा, उन्हें इलेक्शन इंचार्ज भी बनाया गया था. 2018 में त्रिपुरा में बीजेपी ने पहली बार जीत हासिल की. 2020 में साहा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए और बाद में वह राज्यसभा के लिए भी मनोनीत हुए थे. बीते साल मई में उन्हें बिप्लव देव के इस्तीफे के बाद राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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