तृणमूल कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने अपने सह सांसद शिशिर अधिकारी को पत्र लिखकर यह स्पष्टीकरण देने को कहा है कि आखिर उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा क्यों लिया, जबकि पार्टी ने मतदान में अनुपस्थित रहने का फैसला किया था. पार्टी ने आरोप लगाया था कि इस पद के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार तय करते वक्त उनसे सलाह नहीं ली गई.
तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम इकाई के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कोलकाता में कहा कि अगर कोई पार्टी के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो यह दिखाता है कि उसकी नजदीकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ है.
बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘कृपया चार अगस्त 2022 के मेरे पत्र का संदर्भ देखें जिसमें आपको सूचित किया गया था कि हमारे लोकसभा और राज्यसभा संसदीय दल के सदस्यों को छह अगस्त, 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में अनुपस्थित रहना है.''
अधिकारी को लिखे पत्र में बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि आपने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान किया है.''
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कोई पार्टी व्हिप नहीं जारी कर सकती है. इसलिए, पार्टी के निर्देशों को अनुपालन नहीं करने पर तृणमूल कांग्रेस शिशिर अधिकारी के खिलाफ लोकसभा में कार्रवाई नहीं कर सकती है.
शिशिर अधिकारी के साथ उनके बेटे दिब्येंदु अधिकारी ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है. उनके दूसरे बेटे शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे और इस समय वह पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
इस पूरे मामले में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दो सांसदों ने सही काम किया है और राज्य में सभी को उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के पक्ष में मतदान करना चाहिए.