पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने गुजरात पुलिस कर्मियों द्वारा कथित तौर पर मुस्लिम पुरुषों की सार्वजनिक पिटाई के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया है, "यह शर्म की बात है कि एनएचआरसी ने गुजरात पुलिसकर्मियों द्वारा मुस्लिम पुरुषों की सार्वजनिक पिटाई के मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया है."
इस सप्ताह के शुरू में, गुजरात के खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा कार्यक्रम में कथित तौर पर पत्थर फेंकने वाले मुस्लिम समुदाय की भीड़ में शामिल कुछ लोगों को पुलिसकर्मियों ने सार्वजनिक तौर पर बांधकर पीटा था.
इस घटना के कथित वीडियो क्लिप दिखाया गया है कि पथराव करने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें बिजली के पोल से बांधकर एक के बाद एक पुलिसकर्मी उन पर लाठियों बरसा रहे हैं.
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गोखले ने अपने ट्वीट में लिखा है कि NHRC के पास इस बात का बहाना नहीं होना चाहिए कि किसी ने मामले की शिकायत ही नहीं की. इसलिए हमने यानी तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने NHRC में दर्ज शिकायत की एक कॉपी भी सोशल मीडिया पर साझा की है.
इस बीच, अल्पसंख्यक समन्वय समिति (एमसीसी) के संयोजक मुजाहिद नफीस ने मामले में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कानूनी नोटिस भेजे हैं.
मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, महिलाओं सहित करीब 150 लोगों की भीड़ ने गरबा कर रहे लोगों पर पथराव किया था. इनमें से 45 लोगों की पहचान हो चुकी है.
गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने से जुड़ी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक, हिंसा में एक पुलिस कर्मी सहित सात लोग घायल हो गए थे.