पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष (Bengal BJP President Dilip Ghosh) ने बुधवार को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को कोविड-19 से भी खतरनाक वायरस बताया है. घोष ने बुधवार को कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में इसे खत्म करने के लिये BJP टीके का काम करेगी. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद बंगाल में सियासी पारा उफान पर है.
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दक्षिण 24 परगना जिले के कुल्पी में एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह बीजेपी और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं पर थोपे गए “गलत” मामलों को वापस लिया जाएगा. तृणमूल के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ज्यादती करने को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. घोष के मुताबिक, टीएमसी (TMC) कोविड-19 से भी ज्यादा खतरनाक वायरस है. लिहाजा पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल विधानसभा चुनावों में भाजपा टीका टीएमसी वायरस (Corona Virus) को खत्म कर देगा. बंगाल की 294 सदस्यों वाली विधानसभा के लिये अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की उम्मीद है.
तृणमूल (Trinamool Congress) को राज्य में अब तक का “सबसे बड़ा अलोकतांत्रिक दल” बताते हुए घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के “गिनती के दिन” बचे हैं. इसके बावजूद सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता बीजेपी वर्करों को धमका रहे हैं. घोष ने चेताया, “जब हम सत्ता में आएंगे तब हम सभी सियासी झूठे मामलों को वापस लेंगे. लेकिन हमें प्रताड़ित करने वाले टीएमसी सदस्यों को अंजाम भुगतना होगा। हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.”घोष के वायरस वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि ऐसी टिप्पणी BJP की मनोदशा दर्शाती है. तृणमूल ऐसे बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहती.बंगाल के लोग उन्हें माकूल जवाब देंगे.
BJP का अनुसरण कर रही TMC
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के कार्यक्रम के कुछ दिनों बाद 29 दिसंबर को बीरभूम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी *Mamata Banerjee) के तय रोड शो का मजाक उड़ाते हुए घोष ने कहा कि तृणमूल (Trinamool Congress) को भाजपा के सुशासन के उदाहरण का भी पालन करना चाहिए.बीरभूम में वैसे ही रोड शो की योजना बनाकर टीएमसी भाजपा का अनुकरण कर रही है। उन्हें केंद्र के सुशासन के उदाहरण को भी अपनाना चाहिए. टीएमसी सरकार पश्चिम बंगाल में केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को लागू करने की मंजूरी नहीं देती.