टी-90 टैंकों की मारक शक्ति में जबरदस्त इजाफा, सेना को मिलेगी नई प्रहारक क्षमता

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अनुबंध भारतीय उद्योगों को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की दिशा में एक और ठोस पहल है. इससे सेना की रणनीतिक स्वायत्तता में वृद्धि होगी और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता घटेगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

भारतीय सेना की ताकत में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ ₹2,095.70 करोड़ का अनुबंध किया है, जिसके तहत स्वदेश में निर्मित इनवार एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें अब टी-90 टैंकों में लगाई जाएंगी. यह अनुबंध ‘बाय (इंडियन)' श्रेणी के अंतर्गत हुआ है, जिसका उद्देश्य देश में रक्षा उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाना और स्वदेशी रक्षा उद्योग को सशक्त करना है. अनुबंध पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और बीडीएल प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी मौजूद रहे.

इनवार मिसाइलें लेजर-निर्देशित और टैंडम हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक वॉरहेड से लैस हैं. इनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि ये दुश्मन के सबसे मजबूत एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) को भी भेद सकती हैं.
ये मिसाइलें लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम हैं. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन मिसाइलों के जुड़ने से टी-90 टैंकों की लॉन्ग-रेंज फायरिंग क्षमता, सटीकता और रणनीतिक प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

इनवार मिसाइल तकनीक मूल रूप से रूस की रोसबोरोनेक्सपोर्ट कंपनी द्वारा विकसित की गई थी. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड इसका उत्पादन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) समझौते के तहत देश में ही कर रहा है. इस कदम से भारत न केवल अपनी रक्षा आवश्यकताओं को घरेलू स्तर पर पूरा करेगा, बल्कि भविष्य में इन मिसाइलों के निर्यात की दिशा में भी कदम बढ़ा सकेगा .

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अनुबंध भारतीय उद्योगों को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की दिशा में एक और ठोस पहल है. इससे सेना की रणनीतिक स्वायत्तता में वृद्धि होगी और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता घटेगी.रक्षा जानकारों का कहना है कि यह सौदा न केवल सेना की मारक शक्ति को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि भारत के रक्षा-उद्योग को भी वैश्विक स्तर पर एक मज़बूत पहचान दिलाएगा.

भारत ने अपने टी-90 टैंकों को अत्याधुनिक इनवार मिसाइलों से लैस करने का निर्णय लेकर यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अब देश अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए स्वदेशी तकनीक, स्थानीय उत्पादन और रणनीतिक आत्मनिर्भरता पर पूरी तरह भरोसा कर रहा है. यह कदम न केवल भारत की सैन्य क्षमता को नई ऊंचाई देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विज़न को भी सशक्त बनाएगा.

Featured Video Of The Day
Axis My India EXIT POLL: Nitish लौट पाएंगे या Tejashwi रंग जमाएंगे? Election Results | Rahul Kanwal
Topics mentioned in this article