खुदरा व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) और ट्रांसपोर्टरों के संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएसन (AITWA) ने ‘भारत बंद' से अलग रहने का ऐलान किया है. किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में यह भारत बंद बुलाया है. 8 दिसंबर को आहूत इस बंद Bharat Bandh)को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है.
कैट ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ मंगलवार को किसानों के ‘भारत बंद' के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे, वहीं एआईटीडब्ल्यू ने भी कहा है कि भारत बंद (Bharat Bandh) के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन सामान्य बना रहेगा. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने लोगों से उनके ‘भारत बंद' के आह्वान में शामिल होने की अपील की है.
दोनों ही संगठनों ने सोमवार को साझा बयान में कहा कि व्यापारी और ट्रांसपोर्टर 8 दिसंबर के भारत बंद में शामिल नहीं होंगे. संयुक्त बयान में कहा गया है कि देशभर में व्यासायिक बाजार खुले रहेंगे और कारोबारी कामकाज सामान्य रहेगा. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी आठ दिसंबर को जारी रहेंगी.
कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने संगठन की ओर से यह जानकारी दी. वहीं एआईटीडब्ल्यूए के प्रमुख प्रदीप सिंघल और अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी भी किसान नेता या संगठन ने उनसे इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मांगा है और न ही दिया गया है. आर्य ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है, बंद का आह्वान उचित नहीं है.
बयान में कहा गया कि हमारी पूरी सहानुभूति किसानों के साथ है और हम सरकार से इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालने का अनुरोध करते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों के साथ किसान भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अहम अंग हैं. कृषि से जुड़े मुद्दों का हल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. कैट का दावा है कि वह सात करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करती है. वहीं एआईटीडब्ल्यूए के चेयरमैन सिंघल ने कहा कि वह देश के संगठित ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के 60 से 65 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है.
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