गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट में 2 अगस्त की रात को कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा एक कैब चालक और उसमें सवार महिला से लूटपाट की घटना में डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. ट्रेनी उप निरीक्षक (एसआई) अमित मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है. उसे सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही उनके अन्य दोनों साथियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
इस घटना के संज्ञान में आने के बावजूद दो दिन तक कार्रवाई न करने और उच्चाधिकारियों से घटना को छुपाने पर डीसीपी सेंट्रल नोएडा सुनिति को पद से हटा दिया गया है. शक्ति मोहन अवस्थी को डीसीपी सेंट्रल नोएडा नियुक्त किया गया है.
इसके अलावा एसएचओ बिसरख, चौकी प्रभारी गौर सिटी-1 एसआई रमेश चन्द्र तथा एसआई मोहित को निलंबित किया गया है. पुलिस ने बताया कि अमित मिश्रा को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दंड एवं अपील नियमावली 1991 के नियम 8(2)(बी) के अंतर्गत सेवा से बर्खास्त किया गया है.
पुलिस ने बताया कि थाना बिसरख क्षेत्र के अंतर्गत कैब चालक से पैसे लेने की घटना के संबध में पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर के आदेशानुसार एसीपी-2 बिसरख द्वारा पीड़ित से सम्पर्क कर प्राथमिक जांच में तथ्य सही पाये जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाना बिसरख पर धारा 309, 352 बीएनएस में प्रशिक्षणाधीन उप निरीक्षक अमित मिश्रा और उसके दो अन्य साथियों अभिनव और आशीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इस घटना में इस्तेमाल दो गाड़ियां स्कार्पियो और हुंडई वेन्यू सीज की गई है.
पुलिस कमिश्नर का बड़ा एक्शन
बिसरख थाना क्षेत्र के गौर सिटी इलेवन एवेन्यू में दो अगस्त की रात करीब एक बजे दिल्ली के पंचशील विहार से महिला सवारी छोड़ने आए कैब चालक राकेश तोमर ने दरोगा और उसके चार साथियों पर मारपीट करके सात हजार रुपये छीनने का आरोप लगाया था. स्थानीय पुलिस चौकी पर सुनवाई नहीं होने पर तीन दिन बाद पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत की गई थी. मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने मामला सही पाया और इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी, जिसके बाद बड़ा एक्शन हुआ.
"मारपीट करके सात हजार रुपये छीन लिए"
कैब चालक ने आरोप लगाया है कि दो कार से पांच लोग उनके पास आए. उन्हें नीचे उतारकर अभद्रता की. उनमें से एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था. वे उन्हें और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर सुनसान स्थान पर ले गए. उनके साथ मारपीट करके सात हजार रुपये छीन लिए. खर्चे का पैसा नहीं होने की बात करने पर पांच सौ रुपये वापस देकर भगा दिया.
शिकायत करने पर चौकी प्रभारी ने उस दरोगा को बुलाकर पहचान करवाई, लेकिन उसका नाम नहीं बताया. सात हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने को कहा, लेकिन शिकायतकर्ता ऐसा करने को तैयार नहीं हुए. मंगलवार को उसने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी थी.