भारत में ज्यादातर लोग ट्रेनों में यात्रा करते हैं. आए दिन ट्रेन हादसों की घटनाएं भी सामने आती हैं. कभी ट्रेन डिरेल हो जाती है, तो कभी सिग्नल फॉल्ट होने की वजह से ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर हो जाती है. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह ऐसा ही बड़ा हादसा हुआ. कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) के साथ पीछे से आ रही मालगाड़ी से टक्कर हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस का गार्ड कोच, दो पार्सल कोच और एक जनरल सीटिंग कोच पटरी से उतर गए. हादसे में अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है. 60 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं.
ट्रेन हादसों की घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को यात्रा बीमा यानी ट्रैवेल इंश्योरेंस की सुविधा देता है. ट्रेन टिकट खरीदते या बुकिंग करते समय आप कुछ पैसे देकर ट्रैवेल इंश्योरेंस ले सकते हैं. इससे किसी दुर्घटना के समय आपको अच्छा-खासा कवर और क्लेम मिल सकता है. आइए समझते हैं क्या होता है ट्रेन ट्रैवेल इंश्योरेंस? कितना होता है इसका प्रीमियम और इसे कैसे कर सकते हैं क्लेम:-
कब हुई ट्रेन ट्रैवेल इंश्योरेंस की शुरुआत?
भारतीय रेलवे ने सितंबर 2016 में यात्री ऑप्शनल ट्रैवल इंश्योरेंस की शुरुआत की थी. तब इंश्योरेंस का प्रीमियम 92 पैसे था. सरकार की ओर से इसका पेमेंट किया जाता था. फिर अगस्त 2018 में इंश्योरेंस का प्रीमियम घटाकर 42 पैसे प्रति यात्री कर दिया गया. एक समय प्रीमियम 35 पैसे भी रहा. बाद में रेलवे ने इसे बढ़ाकर 45 पैसे कर दिया है.
कैसे ले सकते हैं इंश्योरेंस?
IRCTC रेल टिकट बुकिंग के दौरान ट्रैवेल इंश्योरेंस की सुविधा देता है. फिलहाल ये ऑप्शनल है. यानी टिकट की बुकिंग करते यात्री चाहे तो 45 पैसे देकर ट्रैवेल इंश्योरेंस ले सकते हैं. अगर आप इस ऑप्शन को चुनते हैं, तो आपके ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर पर एक लिंक भेजा जाता है. इस लिंक पर क्लिक करके आप इस वेबसाइट को खोलकर इसमें नॉमिनी डिटेल्स जैसे नाम, मोबाइल नंबर, उम्र और रिश्ते जैसी जानकारी भर दें. इसके बाद अगर किसी प्रकार का हादसा होता है, तो यात्री या नॉमिनी इस इंश्योरेंस पॉलिसी को क्लेम कर सकता है.
किन यात्रियों को मिलती है इंश्योरेंस सुविधा?
ये इंश्योरेंस सभी कैटेगरी या क्लास जैसे फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर या चेयर कार के कंफर्म और RAC(रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) टिकट पर मिलता है. एक नए बदलाव के बाद बच्चों के हाफ टिकट पर ऑप्शनल इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ नहीं मिलता है. सिर्फ फुल टिकट पर ही इस पॉलिसी का लाभ लिया जा सकता है. जबकि, काउंटर से टिकट खरीदने पर यात्रियों को यह सुविधा नहीं मिलती है. ट्रैवल एजेंट्स के जरिए ट्रेन टिकट बुकिंग के समय अगर आप कहेंगे, तो वो इंश्योरेंस पॉलिसी पर टिक कर देगा. इस तरह आप ऑफलाइन भी इंश्योरेंस ले सकते हैं.
किस तरह की घटनाओं में मिलता है क्लेम?
अगर कोई ट्रेन पटरी से उतर जाती है, जिसमें यात्री घायल हो जाए या उसकी मौत हो जाए.. तो इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं. दो ट्रेनों के बीच टक्कर होने पर यात्रियों को अगर शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचा, तो भी क्लेम किया जा सकता है. अगर यात्रा के दौरान ट्रेन पर कोई आतंकवादी हमला होता है, जिसमें यात्री को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है, इस केस में भी आप इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं.
किन मामलों में नहीं मिलता इंश्योरेंस क्लेम?
अगर यात्री ने यात्रा के दौरान आत्महत्या करने की कोशिश की हो. या उसका मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से वह यात्रा के दौरान ट्रेन से गिर जाए या उसकी मौत हो जाए, तो रेलवे की ओर से किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाता. न ही आप इंश्योरेंस का पैसा क्लेम कर सकते हैं.
कितना मिलता है क्लेम?
रेलवे के मुताबिक, ट्रैवेल इंश्योरेस से कम से कम 10 लाख रुपये तक का क्लेम मिलता है. ट्रेन एक्सीडेंट के 4 महीने के भीतर इंश्योरेंस के लिए क्लेम किया जा सकता है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन के मुताबिक, एक्सीडेंट में अलग-अलग पात्रता के मुताबिक सहायता राशि घायलों और मृतकों के परिवारजनों को दी जाती है.
अलग-अलग केस में कितनी होगी इंश्योरेंस क्लेम की रकम?
-अगर किसी पैसेंजर की रेल हादसे में मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद मिलती है.
-अगर यात्री इस हादसे में पूरी तरह से विकलांग हो जाता है, तो उसे 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है.
-आंशिक तौर पर स्थायी विकलांगता की स्थिति में 7.5 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी.
-अगर ट्रेन हादसे में व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया है, तो परिवार 2 लाख रुपये तक का क्लेम कर सकता है.
-अगर किसी व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत हो जाती है और परिवार को उनका शरीर घर लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत है, तो 10000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी.