- यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने व्यापार वार्ता को सकारात्मक बताया है.
- मुकेश अघी ने कहा कि व्यापार वार्ता की शर्तें तय हो चुकी हैं और अब राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार है.
- GTRI ने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ से कृषि उत्पादों को छूट मिलने से भारत को थोड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है.
यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (US-India Strategic Partnership Forum) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश अघी ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता अच्छी तरह आगे बढ़ी है. अघी ने कहा कि वे डील पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "व्यापार वार्ता काफी अच्छी तरह आगे बढ़ी है और मेरे भारत के दृष्टिकोण से, सब कुछ तय हो चुका है और शर्तें राष्ट्रपति के पास हैं. हम राष्ट्रपति के फैसले और सौदे को अंतिम रूप देने का इंतजार कर रहे हैं."
भारत को थोड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद: जीटीआरआई
ट्रेड थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा कई देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ से कृषि उत्पादों को छूट दिए जाने से भारत को थोड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है.
अमेरिका ने इस साल की शुरुआत में लागू किए गए रेसिप्रोकल टैरिफ से कुछ कृषि उत्पादों को हटा दिया है, जिसका अर्थ है कि इन वस्तुओं पर अब केवल मानक एमएफएन शुल्क ही लागू होंगे.
जीटीआरआई की शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 12 नवंबर को जारी व्हाइट हाउस के एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में 2 अप्रैल की रेसिप्रोकल टैरिफ व्यवस्था से कॉफी, चाय, उष्णकटिबंधीय फल, फलों के रस, कोको, मसाले, केले, संतरे, टमाटर, गोमांस और कुछ उर्वरकों को बाहर रखा गया है.
रेसिप्रोकल टैरिफ व्यवस्था से इसलिए बाहर हैं ये चीजें
ये छूट 13 नवंबर से प्रभावी हो गई हैं. जीटीआरआई ने दावा किया है कि इन वस्तुओं का या तो घरेलू स्तर पर पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं होता है या ये ऐसी जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं जिन्हें अमेरिका तैयार नहीं कर सकता है.
जीटीआरआई ने बताया कि आदेश में चिह्नित टैरिफ-मुक्त उत्पादों के लिए भारत वर्तमान में अमेरिका के 50.6 अरब अमेरिकी डॉलर के आयात में से केवल 548 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति करता है, जो सीमित निर्यात क्षेत्र को दर्शाता है.
इन वस्तुओं की अमेरिका की मांग मुख्यतः कुछ श्रेणियों में केंद्रित है.
भारत का अमेरिका को निर्यात कुछ उच्च-मूल्य वाले मसालों और विशिष्ट उत्पादों तक ही सीमित है: काली मिर्च और शिमला मिर्च से बनी चीजें (181 मिलियन अमेरिकी डॉलर), अदरक-हल्दी-करी मसाले (84 मिलियन अमेरिकी डॉलर), सौंफ और जीरा कैटेगिरी (85 मिलियन अमेरिकी डॉलर), इलायची और जायफल (15 मिलियन अमेरिकी डॉलर), चाय (68 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और नारियल, कोको बीन्स, दालचीनी, लौंग और फलों के उत्पादों की मामूली मात्रा.














