पश्चिम बंगाल में 'एडेनोवायरस' बीमारी इन दिनों कहर ढा रही है. पिछले छह घंटों में कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती चार और बच्चों की मौत हो गई है. बच्चों की मौत का आंकड़ा (Adenovirus in West Bengal)अब 44 हो गया है. इस बीच एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के महासचिव डॉ. मानस गुमटा ने बच्चों में फैलने वाले एडेनोवायरस बीमारी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है. डॉ. मानस गुमटा ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर इस वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या को कम करके दिखाने का आरोप लगाया है.
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में डॉ. मानस गुमटा ने कहा, "यह हमने पहले भी कोविड के समय में देखा था. एडेनोवायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या की रिपोर्ट करने में सरकार पूरी तरह से पारदर्शी नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि एडेनो या कोविड के कारण होने वाले संक्रमण "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिसूचित" हैं. इसका अर्थ यह है कि सरकार या विश्व स्वास्थ्य संगठन इसकी रिपोर्ट करने के लिए जवाबदेह हैं.
डॉ. गुमटा ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की इस वायरस के प्रसार से निपटने को लेकर की गई तैयारी अपर्याप्त है. इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी से कोई सबक नहीं सीखा है. उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल सरकार की तैयारी नाकाफी है. इससे पहले कोविड के समय में सरकार की तैयारियों की कमी के कारण कई लोगों की मौत हो गई. ऑक्सीजन सिलेंडर का संकट पैदा हो गया था. एंबुलेंस की कमी हो गई थी. दवाएं और क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) वार्ड सब दबाव में आ गया था. उन्होंने कहा, "अब कोविड के बाद एडेनोवायरस आ गया है. सरकार ने अभी भी हमें उन तैयारियों के बारे में नहीं बताया है."
2-5 साल वाले बच्चों को संक्रमण का खतरा ज्यादा
बच्चों में एडेनोवायरस अमूमन श्वास तंत्र और आंत्र निलिका में संक्रमण का कारण बनता है. डॉक्टरों की मानें तो 0-2 साल के उम्र के बच्चों को इससे संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. वहीं, 2-5 साल वाले बच्चों को इससे संक्रमण का अधिक खतरा होता है. 5-10 साल या इससे उपर के बच्चों में संक्रमण की आशंका कम होती है.
कैसे फैलता है एडेनोवायरस और लक्षण
एडेनोवायरस के सामान्य लक्षण फ्लू जैसे हैं. इसमें सर्दी, बुखार, सांस लेने में समस्या, गले में खराश, निमोनिया और तीव्र ब्रोंकाइटिस शामिल हैं. वायरस त्वचा के संपर्क, हवा से खांसने और छींकने और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है. अब तक वायरस के इलाज के लिए कोई खास दवा या खास इलाज नहीं है.