पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि "कई महिलाएं" उनसे मिलीं और उन्हें बताया कि संदेशखाली में उन्हें परेशान किया गया और धमकाया गया. बता दें कि संदेशखाली में हाल ही में तृणमूल नेता शाजहान शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन को लेकर सुर्खियां बटोरीं.
बोस ने आज शाम एनडीटीवी को बताया, "बड़ी संख्या में महिलाएं मुझसे मिलीं और अपनी शिकायत बताई. उन्होंने कहा कि उनके साथ छेड़छाड़ की गई, उन्हें परेशान किया गया और धमकाया गया, उनके पतियों को पीटा गया."
उन्होंने कहा कि उन्हें लिखित शिकायतें मिलीं जिन्हें उन्होंने राज्य सरकार को "उनकी जानकारी और आवश्यक कार्रवाई के लिए" भेज दिया.
उन्होंने कहा, "मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि सरकार को न्याय करना होगा. सरकार से यही अपेक्षा की जाती है, न इससे ज्यादा, न इससे कम." राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्हें मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कार्रवाई की उम्मीद है.
उन्होंने यह भी कहा कि राजभवन के दरवाजे संकटग्रस्त संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए खुले हैं जो अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं.
बोस ने कहा, "जो लोग अब भी वहां असुरक्षित महसूस करते हैं, वे मुझसे संपर्क कर सकते हैं. मैं संदेशखाली की महिलाओं का राजभवन में स्वागत करता हूं. हम निश्चित रूप से उन्हें सुरक्षा सहित हर चीज मुहैया कराएंगे."
उन्होंने सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें उन्होंने इन बिंदुओं का भी जिक्र किया है: "मुख्य दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, एक विशेष जांच दल का गठन किया जाए, न्यायिक जांच पर विचार किया जाए, अनुग्रह राशि सुनिश्चित की जाए औरअगर जरूरत हो तो दोषी पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाए."
संदेशखाली में फरवरी के पहले सप्ताह से ही महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले ने पहली बार तब सुर्खियां बटोरीं जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया जब वे कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में 5 जनवरी को शेख के परिसर की तलाशी लेने गए थे.
पुलिस ने इस मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक शिबू प्रसाद हाजरा को कल गिरफ्तार कर लिया. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने आज उन्हें आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
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