प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी खड़गपुर दीक्षांत समारोह में कहा कि आपको लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए ‘स्टार्टअप' शुरू करने होंगे. उन्होंने कहा कि आपको ‘आत्म-जागरूकता, आत्म-विश्वास और निस्वार्थता' पर काम करना होगा, आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें. आप भारत के 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान आईआईटी द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेयर ने महामारी से लड़ने में बहुत मदद की. उत्तरांखड में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि हमें आपदा का सामना करने में समक्ष बुनियादे ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
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साथ ही उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन और इसके कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं ने दुनिया के समक्ष बड़ी चुनौती उत्पन्न की है, ऐसे में आईआईटी को आपदा के प्रभावों का सामना करने में सक्षम आधारभूत ढांचा विकसित करने में मदद करनी चाहिए. ऐसे समय मे जब दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का सुरक्षित एवं वहनीय पर्यावरण अनुकूल विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया.
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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है. ऐसे में भारत ने दुनिया का ध्यान आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर दिलाया है. आपने देखा कि हाल ही में उत्तराखंड में क्या हुआ. हमें आपदा सहने में सक्षम आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को बर्दाश्त कर सके.'
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