"लूटपाट और आतंक के लिए खुली छूट चाहती है TMC" : NIA पर हुए हमले को लेकर PM मोदी ने ममता सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में ‘तृणमूल कांग्रेस का सिंडिकेट राज’ होने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि राज्य में स्थिति ऐसी है कि अदालत को विभिन्न मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. संदेशखाली में जो हुआ, उसे पूरे देश ने देखा है.

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प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर राज्य में गरीबों के लिए केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया.
जलपाईगुड़ी (बंगाल):

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा की खुली छूट चाहती है. यही वजह है कि इस तरह के मामलों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को राज्य में हमलों का सामना करना पड़ता है. मोदी की टिप्पणी एक दिन पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम पर शनिवार को भीड़ द्वारा कथित तौर पर हमले के बाद आई है. यह घटना उस वक्त हुई थी, जब पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में 2022 के विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया था.

पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल में लूटपाट और आतंक के लिए खुली छूट चाहती है. अपने जबरन वसूली करने वाले और भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए टीएमसी केंद्रीय जांच एजेंसियों पर हमले करवाती है, जब वे यहां काम करते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस कानून और देश के संविधान की अवहेलना कर रही है.''

पश्चिम बंगाल में ‘तृणमूल कांग्रेस का सिंडिकेट राज' होने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि राज्य में स्थिति ऐसी है कि अदालत को विभिन्न मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. संदेशखाली में हाल की घटनाओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को अपना शेष जीवन जेल में बिताना होगा. संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सामने आए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘संदेशखाली में जो हुआ, उसे पूरे देश ने देखा है.''

प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर राज्य में गरीबों के लिए केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया. पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में मनोब्रत जना और बलाई चरण मैती को गिरफ्तार करने गए एनआईए के दल पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था. भूपतिनगर में दिसंबर 2022 में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. शहर की सत्र अदालत ने दोनों आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए उन्हें 10 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया.

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