टीएमसी नेता ने कहा, 'मुस्लिम होंगे बहुसंख्यक', बीजेपी बोली... क्या बांग्लादेश बनाने का इरादा?

वायरल हो रहे वीडियो में फिरहाद हकीम कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए शुरू की गई फिरहाद 30 पहल के तहत एक कार्यक्रम में यह विवादास्पद बयान देते हुए नजर आए थे.

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नई दिल्ली:

कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम के एक कमेंट, जिसमें उन्होंने कहा कि मुसलमान बहुमत से भी बड़ा बहुमत बन सकते हैं, ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है. पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने फिरहाद हकीम के कमेंट को जहर बताया है और उन पर खुलेआम सांप्रदायिक नफरत भड़काने और एक खतरनाक एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाया.

वायरल हो रहे वीडियो में फिरहाद हकीम कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए शुरू की गई फिरहाद 30 पहल के तहत एक कार्यक्रम में यह विवादास्पद बयान देते हुए नजर आए थे. वीडियो में हकीम कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "हम एक ऐसे समुदाय से हैं जो बंगाल की आबादी का 33 प्रतिशत है. हालांकि, भारत में हम 17 प्रतिशत हैं और हमें अल्पसंख्यक समुदाय कहा जाता है लेकिन हम खुद को अल्पसंख्यंक नहीं मानते. हमारा मानना है कि अगर अल्लाह की कृपा हम पर  रही तो हम एक दिन बहुसंख्यक से भी बड़े बहुसंख्यक बन सकते हैं". लेकिन एनडीटीवी वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता है. 

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उन्होंने आगे कहा, "यह अल्लाह की कृपा होगी और हम अपनी ताकत से इसे हासिल करेंगे. जब भी कुछ होता है तो हमारा समुदाय मोमबत्ती जलाकर मार्च निकालता है और कहता है कि हमें न्याय चाहिए. न्याय के लिए मार्च निकालने से कुछ नहीं होगास अपना कद इतना ऊंचा करना होगा कि न्याय की मांग करने की जगह न्याय दिला सकें."

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मजुंदार ने इस वीडियो को शेयर किया और इंडिया गठबंधन को इस पर जवाब देने के लिए कहा. उन्होंने कहा, "कोलकाता के मेयर, टीएमसी के फरहाद हकीम जहर उगल रहे हैं और सांप्रदायिक नफरत भड़का रहे हैं और खतरनाक एजेंडा को आगे बढ़ा रहे हैं. यह सिर्फ नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं है - यह भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने का खाका है. इस पर इंडी गछबंधन चुप क्यों है? मैं उन्हें इस पर अपनी राय व्यक्त करने की चुनौती देता हूं."

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इसपर भाजपा के आईटी प्रभारी और बंगाल में पार्टी मामलों के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. "कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पहले गैर-मुसलमानों को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताकर और हिंदुओं को इस्लाम में धर्मांतरित करने के दावत-ए-इस्लाम के प्रयासों का समर्थन करके अपने असली इरादे प्रकट किए थे. अब उन्होंने दावा किया है कि भारत की तरह पश्चिम बंगाल भी जल्द ही मुस्लिम बहुल हो जाएगा." 

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अमित मालवीय ने कहा, हकीम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां मुसलमान अब शांतिपूर्ण विरोध या मार्च पर निर्भर नहीं रहेंगे बल्कि न्याय को अपने हाथों में लेंगे - शायद यह शरिया कानून की ओर इशारा करता है. यह टीएमसी के चोपड़ा विधायक के बयान से मेल खाता है, जिन्होंने पहले एक घटना को सही ठहराने के लिए इस्लामी शास्त्रों का हवाला दिया था, जहां एक महिला सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे."

उन्होंने आगे लिखा, "यह स्थिति बेहद चिंताजनक है. कोलकाता के बड़े हिस्से, खास तौर पर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में रोहिंग्या समेत अवैध घुसपैठियों का बोलबाला है. हकीम के बयान से लगता है कि अवैध प्रवासियों की आमद को बढ़ावा मिलेगा, जिससे जनसांख्यिकीय संतुलन और भी अस्थिर होगा. साथ ही, मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने दावा किया है कि पूरा दक्षिण कोलकाता वक्फ की संपत्ति है. बंगालियों को जल्द ही अपने ही राज्य में इस्लामी कट्टरपंथ का विरोध करने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है."

बता दें  कि चार बार विधायक रहे हकीम कोलकाता के मेयर और बंगाल के शहरी विकास, नगरपालिका मामलों और आवास मंत्री हैं. वे तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं और ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं. पार्टी नेतृत्व ने अभी तक उनके इस बयान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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