राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के बाद भारतीय जनता पार्टी नीत केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि ‘भगवा खेमा' जन संघ द्वारा स्वतंत्रता सेनानी को ‘नजरअंदाज' किए जाने के बाद उसपर पर्दा डालने का ‘कमजोर' प्रयास कर रहा है. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि ‘वोट बैंक पर नजरें जमाए भाजपा को अचानक नेताजी की वीरता याद आ रही है.'
हालांकि, भाजपा की दलील है कि सभी जानते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने नेताजी के साथ कैसा व्यवहार किया था और कांग्रेस से अलग होकर बनी तृणमूल कांग्रेस को नेताजी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के तरीकों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
मजूमदार ने कहा, ‘भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की विचारधारा सुभाष चन्द्र बोस की विचारधारा से विरोधाभासी है, जो समावेशी/समग्रता में विश्वास रखते थे और धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, स्वतंत्र तथा समृद्ध भारत का सपना देखते थे. लगता है कि वोट बैंक पर नजर गड़ाए भाजपा को अचानक नेताजी की वीरता नजर आने लगी है.'
उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ‘जन संघ ने नेताजी की भूमिका को कभी स्वीकार नहीं किया'' और हमेशा विनायक दामोदर सावरकर को राष्ट्रीय हीरो बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘अन्य कार्यों के बीच, अपनी सुविधा के अनुसार प्रतिमा के अनावरण का दिन चुनते हैं, उन्हें उनका (नेताजी) जन्मदिन, गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस याद नहीं रहता है.'
इसपर तीखा पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी देश की जनता और उनकी भावनाओं से बहुत जुड़ी हुई है और तृणमूल कांग्रेस को उसे उपदेश देने की जरुरत नहीं है.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘कांग्रेस ने नेताजी के बारे में बोलने का अपना अधिकार बहुत पहले खो दिया है और हमें पता है कि उसके राष्ट्रीय नेतृत्व ने आजादी से पहले नेताजी के साथ कैसा व्यवहार किया. कांग्रेस से अलग होकर बनी तृणमूल कांग्रेस उससे बहुत अलग नहीं हो सकती है.'
उन्होंने कहा, ‘नेताजी बंगाल के लोगों के लिए आदर्श हैं. नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रतिमा लगाकर सही किया है. कांग्रेस या संप्रग ने केन्द्र की सत्ता में रहते हुए ऐसा कभी नहीं सोचा. भाजपा देश के लोगों से ज्यादा जुड़ी हुई है, तृणमूल कांग्रेस नहीं.'
इसबीच नेताजी के परिवार के सदस्य चन्द्र कुमार बोस ने भी इंगित किया कि प्रतिमा का अनावरण नेताजी से जुड़े किसी दिन पर होना चाहिए था.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘नेताजी की प्रतिमा का बस यूं ही किसी दिन अनावरण कर दिया गया. यह दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नेता से संबंधित होना चाहिए था, जिन्होंने भारत की आजादी की पहली लड़ाई लड़ी थी.'