दुधवा टाइगर रिजर्व पहुंचाई गई बाघिन 'शर्मिली', 15 महीने से बरेली की जंगल-झाड़ियों में रह रही थी

दुधवा के किशनपुर सेंचुरी के जंगलों से ही निकलकर बाघिन शर्मीली बरेली के पश्चिमी फतेहगढ़ की बन्द पड़ी रबर फैक्ट्री के जंगल झाड़ियों में पिछले 15 महीनों से रह रही थी.

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बरेली के पश्चिमी फतेहगढ़ की जंगल झाड़ियों में पिछले 15 महीनों से बाघिन रह रही थी.
लखनऊ:

लखीमपुर-बरेली में पकड़ी गई बाघिन 'शर्मीली' को दुधवा टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है और उसे उसके प्राकृतिक वास में छोड़ा गया है.

गौरतलब है कि दुधवा के किशनपुर सेंचुरी के जंगलों से ही निकलकर बाघिन शर्मीली बरेली के पश्चिमी फतेहगढ़ की बन्द पड़ी रबर फैक्ट्री के जंगल झाड़ियों में पिछले 15 महीनों से रह रही थी. बरेली में डब्लूटीआई, डब्लूडब्लूएफ, पीलीभीत टाइगर रिजर्व और दुधवा के टेक्निकल मदद से बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में बन्द किया गया गया. फिर बाघिन को दुधवा के सोनारीपुर में छोड़ दिया गया.

बाघिन 'शर्मीली' की लंबाई 11 फीट और वजन 150 किलो है. उसे पकड़ने के लिए विशेषज्ञ दल के 125 लोगों के साथ-साथ दो डॉक्टर को भी लगाया गया था. उसे पकड़ने का अभियान 15 दिन पहले शुरू हुआ था. इसके लिए 1400 एकड़ में फैली बंद पड़ी फैक्टरी की 24 घंटे निगरानी की जा रही थी.


 

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