अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए जम्मू-कश्मीर में बने पार्टियों के गठबंधन में फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती शामिल

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने दलीय मतभेदों को अलग रखते हुए अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है.

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कश्मीर के नेताओं की तरफ से आपसी विवाद छोड़कर एक मंच पर आने के संकेत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने दलीय मतभेदों को अलग रखते हुए अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का संकेत दिया है. इस मुद्दे पर नेशनल कान्फ्रेंस के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के घर एक बैठक हुई. इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा था.  बैठक में पीडीपी, पीपुल्स कान्फ्रेंस, लेफ्ट पार्टियों के नेता हिस्सा लिया. फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा कि  5 अगस्त, 2019 से पहले अधिकार बहाल करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर धारा 370 को वापस लागू करवाने की लड़ाई लड़ने की बात भी कही.

पीडीपी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था. इस बैठक में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने के खिलाफ चर्चा होनी थी.  दरअसल, 4 अगस्त 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdulla) के गुपकार स्थित आवास पर तमाम दलों की पहली सर्वदलीय बैठक हुई थी.

इसे गुपकार डेक्लरेशन या गुपकार घोषणा कहा गया था. इस नाम से जारी बयान में राज्य की पहचान, स्वायत्तत्ता और उसको मिले विशेष अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष की बात कही गई थी. अगले ही दिन 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की थी. इसके तहत राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया था.

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