मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ रिजर्व फॉरेस्ट में हाथियों की लगातार हो रही मौत को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव अब एक्शन मोड में दिख रहे हैं. उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. आपको बता दें कि इस रिजर्व फॉरेस्ट में बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक कुल 10 हाथियों की मौत हुई है. हाथियों की मौत की मुख्य वजह क्या है ये तो अभी साफ नहीं है. एमपी सरकार ने हाथियों की मौत को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया था. टीम ने अपनी रिपोर्ट अब सीएम मोहन यादव को सौंप दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम यादव दो अधिकारियों को सस्पेंड किया है.
"ये घटना हैरान करने वाली है"
हाथियों की मौत को लेकर सीएम यादव ने रविवार को कहा कि 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मौत की घटना बहुत दर्दनाक है. प्रशासन ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है. प्रारंभिक रिपोर्ट में अभी तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है जिसपर किसी तरह का संदेह हो. हालांकि, अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का आना बांकी है. पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ये पक्के तौर पर पता चल पाएगा कि एक के बाद एक दस हाथियों की मौत के पीछे की असली वजह क्या है.
CM ने उच्चस्तरीय दल से ली जानकारी, डॉ सुदाम खाड़े भी थे मौजूद
मुख्यमंत्री ने उमरिया से लौटे उच्च स्तरीय दल से हाथियों की मृत्यु के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली. वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवाल और अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने उमरिया जिले के दौरे में विभिन्न पहलुओं की जांच और अध्ययन की जानकारी दी. मुख्य सचिव अनुराग जैन बैठक में वर्चुअल शामिल हुए. अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव भरत यादव, आयुक्त जनसंपर्क डॉ सुदाम खाड़े सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
"अधिकारियों की गलती आई सामने"
ये बात भी सही है कि हाथियों का बड़े दल के तौर पर आना हमारे लिए भी एक प्रयोग भी है औऱ नया अनुभव भी है. ऐसे में हमारे सभी फिल्ड ऑफिसर को सतर्क रहने की जरूरी है. इतनी बड़ी घटना के बाद भी फिल्ड डायरेक्ट का छुट्टी से वापस से ना आना, और उनकी मौजूदगी में भी जब हाथियों का दल आया था तो उस समय उनकी आवश्यक चिंता करने की जरूरत थी. जो नहीं की गई. इस घटना के पीछे फील्ड डायरेक्टर को दोषी पाया गया है और इसलिए हमने उन्हें सस्पेंड भी किया है. साथ ही साथ एसीएफ के प्रभारी को भी इस मामले में दोषी पाकर उन्हें भी सस्पेंड किया गया है.
"अब हाथी एमपी से बाहर नहीं जाते"
ये बात भी सही है कि हाथियों के लिए ये रिजर्व फॉरेस्ट हैं वो बेहद आकर्षक स्थिति में है, इसलिए हाथियों ने वापस जाना बंद कर दिया है. पहले हाथी छत्तीसगढ़ से आते थे और फिर वापस चले जाते थे.अब हम हाथियों के लिए टास्क फोर्स बनाने की भी तैयारी कर रहे हैं. हाथियों की सुरक्षा को प्रमुखता से ले रहे हैं.