"बेटी, बहन, भतीजी और भतीजा" : इस परिवार के 6 सदस्‍यों की गुजरात ब्रिज त्रासदी में गई जान

पीड़ित परिवार के सदस्य ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा कि हमने अपने तीन साल के बच्चे की लाश को अपने कंधे पर उठाया है. वो सिर्फ एक नहीं था जिसे हमने खोया. उसके अलावा 20 साल की लड़की भी थी जिसकी शादी अगले महीने ही होने वाली थी.

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मोरबी हादसे में एक परिवार ने गंवाए अपने छह सदस्य

नई दिल्ली:

गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में अभी तक 134 लोगों की मौत हुई है. मारे गए लोगों में कई लोग एक ही परिवार के हैं, जबकि कई ऐसे भी हैं जिनका पूरा परिवार ही इस हादसे में खत्म हो गया. NDTV ने एक ऐसे ही परिवार के मुखिया से बात की जिन्होंने इस हादसे में बेटी, बहन, भतीजा और भतीजी समेत कुल छह लोगों को गंवाया है. इस हादसे में इस परिवार ने अपने सबसे कम उम्र के सदस्य जिसकी उम्र महज तीन साल है को भी खो दिया है. 

पीड़ित परिवार के सदस्य ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा कि हमने अपने तीन साल के बच्चे की लाश को अपने कंधे पर उठाया है. वो सिर्फ एक नहीं था जिसे हमने खोया. उसके अलावा 20 साल की लड़की भी थी जिसकी शादी अगले महीने ही होने वाली थी. इस हादसे ने महबूब भाई की बेटी, दो बहन, दो भतीजी और एक भतीजे को उनसे छीन लिया. उनके परिवार से करीब 35 लोग रविवार की शाम करीब 6 बजे मोरबी के उस ब्रिज पर गए थे. महबूब भाई और उनकी पत्नी इसलिए नहीं जा पाए थे क्योंकि उन्हें अगले महीने होने वाली शादी के लिए कुछ आभूषण खरीदना था. चुकि उनकी बेटी की सगाई अगले 15 दिनों में थी. 

इस हादसे से गुस्से में दिख रहे महबूब भाई ने बातचीत के दौरान कहा कि घटनास्थल पर उस शाम एंबुलेंस को आने में करीब एक घंटे का समय लगा था और प्रशासन के लोग तो करीब दो घंटे बाद वहां पहुंचे थे. लोगों को बचाने के लिए दूसरे लोग ही पानी में कूद पड़े थे. उन्होंने आगे कहा कि अभी तक इस हादसे को लेकर प्रशासन का कोई भी आदमी हमसे नहीं मिला है. आप ही सोचिए ना उस दिन 400 के करीब लोगों को पुल पर जाने के लिए टिकट बेचा गया था, जबकि उस ब्रिज की क्षमता इतनी नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि इतने लोग एक साथ ब्रिज पर ना जाएं, उन्हें रोकने के लिए ना तो कोई पुलिस वाला वहां था और ना ही कोई अधिकारी. 

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उनके परिवार की ही एक महिला ने बताया कि जब मैंने देखा कि मदद के लिए प्रशासन के लोग नहीं पहुंच रहे हैं तो मैंने खुद अपने दो बच्चों को बाहर निकाला साथ ही मैंने कुछ अन्य बच्चों को भी  बचाया. महबूब भाई ने आगे कहा कि हम सरकार से सिर्फ ये चाहते हैं कि हमे इस पूरे मामले में इंसाल मिले. और हम ये भी चाहते हैं कि इस ब्रिज को फिर से बनाया जाए लेकिन सुरक्षा की जांच अच्छे से होने के बाद ही इसे शुरू किया जाए. 

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