स्टेशनों के पुनर्विकास के नाम पर रेल किराये में नहीं की जाएगी कोई बढ़ोतरी: अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पुनर्विकास परियोजना के लिए आवश्यक लगभग 25,000 करोड़ रुपये वर्तमान बजट के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे.

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में 508 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखे जाने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि स्टेशनों को पुनर्विकसित करने की परियोजना के नाम पर किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. वैष्णव ने कहा कि पुनर्विकास परियोजना के लिए आवश्यक लगभग 25,000 करोड़ रुपये वर्तमान बजट के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा की सुविधा प्रदान करना है.

वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी आम लोगों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए काम कर रहे हैं. स्टेशन पुनर्विकास का उद्देश्य भी यही है. हम चाहते हैं कि उन पर कोई बोझ डाले बिना विश्वस्तरीय स्टेशन हों. हमने स्टेशन पुनर्विकास के नाम पर किराया नहीं बढ़ाया है या कोई शुल्क नहीं लगाया है.''

रेलवे ने देश के लगभग 1,300 प्रमुख स्टेशनों को ‘अमृत भारत स्टेशन' के रूप में पुनर्विकसित करने की योजना बनाई है. रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने 508 अमृत भारत स्टेशन की आधारशिला रखी.

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 55-55 स्टेशन विकसित किए जाएंगे, मध्य प्रदेश में लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से 34 स्टेशन तथा महाराष्ट्र में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से 44 स्टेशन विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल सहित कई राज्यों के रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा.

वैष्णव ने कहा कि रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा बनने के लिए लगभग 9,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि उन्हें परियोजना की बारीकियों से अवगत कराया जा सके, जिसमें अनुबंध दस्तावेजों, वास्तुकला, डिजाइन और सुरक्षा का विश्लेषण शामिल है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना के लिए किसी भी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है. अगले दो वर्षों में हम कार्य में समुचित प्रगति देख सकेंगे. हम समतामूलक विकास में विश्वास रखते हैं. प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि हम परियोजना की आधारशिला रखेंगे और हम इसका उद्घाटन भी करेंगे, इससे पता चलता है कि हमें किस गति से परियोजना को पूरा करने की आवश्यकता है.''

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केरल में सबरीमला रेल जैसी लंबित परियोजनाओं पर एक सवाल के संबंध में रेल मंत्री ने कहा कि यह एक विशेष मामला है, क्योंकि राज्य सरकार की विकास में ‘‘बहुत कम रुचि'' है.

उन्होंने कहा, ‘‘केरल सरकार की राज्य के विकास में उतनी दिलचस्पी नहीं है. यही कारण है कि सर्वेक्षण या विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने जैसी छोटी-छोटी चीजों के लिए भी हमें इतना विरोध देखने को मिलता है कि कोई भी काम करना वाकई मुश्किल हो जाता है. फिर भी केंद्र केरल में रेल नेटवर्क के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.''

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वैष्णव ने कहा, ‘‘मैं आपको एक उदाहरण दूंगा...केरल के राजनीतिक वर्ग ने एक पूरी तरह से काल्पनिक कथा गढ़ी कि वंदे भारत ट्रेन राज्य को नहीं दी जाएगी. लेकिन आप देखिए, वंदे भारत हर उस राज्य को दी गई है, जहां ब्रॉडगेज नेटवर्क (बड़ी लाइन) का विद्युतीकरण हुआ है. हमारा मानना है कि पूरे देश को एक साथ विकास करना चाहिए, लेकिन हमें राज्य सरकारों के सहयोग की आवश्यकता है.''

इससे पहले, पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में, देश में बिछाई गई रेल पटरी की लंबाई दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, ब्रिटेन और स्वीडन में संयुक्त रेलवे नेटवर्क से अधिक है.

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मोदी ने कहा कि पिछले साल ही भारत ने दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त रेलवे नेटवर्क से भी ज्यादा रेल पटरी बिछाई है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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