उन्नाव में दो दलित लड़कियों (Unnao Dalit Girls Death) के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया. लड़कियों के पिता के बयान के आधार पर पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है. उनकी एक और लड़की की हालत अभी भी गंभीर है. उसका बयान बेहद अहम साबित हो सकता है. डीजीपी के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) में मृत लड़कियों के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई है.
पीड़िताओं के पिता ने कहा कि जब लड़कियों को खेत में पाया गया तो उनके गले में दुपट्टा था और उनके मुंह से सूखा झाग निकल रहा था. 13, 16 और 17 साल की तीनों लड़कियां अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती हैं. बुधवार दोपहर को वे मवेशियों के लिए चारा लाने गई थीं. लेकिन जब देर शाम तक वे नहीं लौटीं तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की और उन्हें एक खेत में अचेतावस्था में पाया. लड़कियों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां दो को मृत घोषित कर दिया गया और तीसरे का कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
अस्पताल का कहना है कि उसकी हालत जटिल मगर स्थिर बनी हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट इशारा करती है कि मृत लड़कियों को जहर दिया गया था. पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी पाया गया कि शरीर में कोई जख्म नहीं था. डीजीपी ने कहा, पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया. इसमें मौत के पहले किसी चोट या बाहरी जख्म नहीं पाया गया है. हालांकि मौत की वजह का अभी पता नहीं लगा है और रासायनिक जांच के लिए विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है. हम फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद भी ले रहे हैं.
पुलिस ने घटना की जांच के लिए छह टीमें गठित की हैं और घटनास्थल पर खोजी कुत्ते भी सुराग खोजने के लिए लगाए गए हैं. इससे पहले उन्नाव के एसपी आनंद कुलकर्णी से जब ऑनर किलिंग जैसी संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि फिलहाल इस समय में किसी भी संभावना से इनकार किया जा सकता.
(PTI इनपुट के साथ)