दिल्ली में अब कोरोना टेस्टिंग मैटेरियल का पैदा हो सकता है संकट, डायग्नोस्टिक लैब ने दी चेतावनी

डायग्नोस्टिक लैंब Dr Dangs Lab ने कहा है कि उसे कोविड-19 टेस्टिंग के लिए ज्यादा सामग्री की जरूरत है. लैब ने कहा कि कोविड-19 की टेस्टिंग में जिस जरूरी रिएजेंट की जरूरत होती है, उसकी कमी पैदा हो रही है.

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Covid testing
नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन और दवाओं के बाद टेस्टिंग किट का भी भारी संकट पैदा हो सकता है. दिल्ली डायग्नोस्टिक लैब (Delhi Diagnostics Lab) ने आागाह किया है कि कोविड टेस्टिंग की सामग्री की किल्लत पैदा हो सकती है. डॉ. डैंग्स लैब (Dr Dangs Lab) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि हम संबंधित एजेंसियों से अनुरोध करते हैं कि वे तुरंत इसकी ओर ध्यान दें और देश भर की डायग्नोस्टिक लैब से तेजी से जरूरी सामग्री की आपूर्ति का इंतजाम करें.डायग्नोस्टिक लैंब Dr Dangs Lab ने कहा है कि उसे कोविड-19 टेस्टिंग के लिए ज्यादा सामग्री की जरूरत है.

लैब ने कहा कि कोविड-19 की टेस्टिंग में जिस जरूरी रिएजेंट की जरूरत होती है, उसकी कमी पैदा हो रही है. रोजाना हजारों की तादाद में कोरोना सैंपल टेस्टिंग (Covid testing) के लिए भेजे जा रहे हैं. टेस्टिंग की यह बेतहाशा बढ़ती रफ्तार से शहरों और कस्बों की डायग्नोस्टिक लैब पर दबाव बढ़ता जा रहा है.

डॉ. डैंग्स लैंब के डॉ. अर्जुन डैंग ने एक बयान में कहा, इस वक्त जब दिल्ली ऑक्सीजन और हास्पिटल में कोविड बेड की कमी से जूझ रही है. उस वक्त कोविड टेस्टिंग में इनफ्लेमेटरी मार्कर टेस्ट के लिए जरूरी टेस्टिंग रिएजेंट (IL6 (interleukin 6), D Dimer and CRP) की कमी होने लगी है. यह बड़ी समस्या में तब्दील हो सकता है.

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डैंग्स लैब 1983 में स्थापित हुई थी और भारत की सबसे बेहतर लैब में से एक है. डॉ. डैंग ने कहा, कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट हैं, जो सीधे तौर पर कोविड पॉजिटिव मरीज से जुड़े हुए हैं और ये टेस्ट कोरोना के मरीज के बारे में आगे कोई कदम उठाने के बारे में चिकित्सक को मदद करते हैं. इन परीक्षणों के आधार पर अस्पताल मरीज को भर्ती करने का भी फैसला लेते हैं.

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डैंग्स लैब 1983 में स्थापित हुई थी और भारत की सबसे बेहतर लैब में से एक है. डॉ. डैंग ने कहा, कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट हैं, जो सीधे तौर पर कोविड पॉजिटिव मरीज से जुड़े हुए हैं और ये टेस्ट कोरोना के मरीज के बारे में आगे कोई कदम उठाने के बारे में चिकित्सक को मदद करते हैं. इन परीक्षणों के आधार पर अस्पताल मरीज को भर्ती करने का भी फैसला लेते हैं.

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एक अन्य शीर्ष डायग्नोस्टिक लैब चैन डॉ. लाल पैथलैब्स (Dr Lal PathLabs) ने हालांकि शुक्रवार को एक ट्वीट कर सोशल मीडिया पर चल रही उन अफवाहों को गलत ठहराया था कि उसने कोविड टेस्टिंग के सैंपल लेना बंद कर दिया है. कंपनी ने ट्वीट किया कि वह अपनी भरपूर क्षमता के मुताबिक, RTPCR टेस्टिंग करने का प्रयास कर रहे हैं. लैब की टीमें टेस्ट के नमूने इकट्ठा करने और कम समय में इनके नतीजे देने में लगातार जीजान से जुटी हैं.

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दिल्ली में पिछले तीन दिनों से अस्पताल ऑक्सीजन के लिए गुहार लगा रहे हैं. कई बड़े अस्पतालों में महज कुछ घंटे का ऑक्सीजन बचा हुआ है.भारत में कोरोना के रोजाना के केस मार्च मध्य के 25 हजार से बढ़कर अब 3.5 लाख तक पहुंच गए हैं. एक्टिव केस यानी जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनकी तादाद बढ़कर 25.5 लाख तक पहुंच गई है. अस्पतालों और चिकित्साकर्मियों पर जबरदस्त दबाव है.

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