तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के शासन में नाम के सिवा कोई अंतर नहीं : हर्षवर्धन

हर्षवर्धन ने कहा कि वाम मोर्चे के 34 साल के शासन की तुलना में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपनी सुविधा के अनुसार भ्रष्टाचार को बढ़ाया

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (फाइल फोटो).
कोलकाता:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार और वाम मोर्चे के तीन दशक से अधिक लंबे शासन के बीच नाम के सिवा कोई ज्यादा अंतर नहीं है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राज्य में सरकार का बदलना ‘अपरिहार्य' है. हर्षवर्धन ने कहा कि वाम मोर्चे के 34 साल के शासन की तुलना में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपनी सुविधा के अनुसार भ्रष्टाचार को बढ़ाया है.

केंद्रीय मंत्री ने राज्य की मौजूदा सरकार के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं की भी आलोचना करते हुए आंकड़ों का हवाला देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में पश्चिम बंगाल के देश में पीछे रहने का उल्लेख किया. वर्धन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए राज्य को केंद्र से मदद नहीं मिली.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार को 275.99 करोड़ रुपये की राशि दी गई. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘राज्य में 34 साल तक एक व्यवस्था थी, फिर पिछले 10 साल से दूसरी आई, केवल नाम बदला. सभी तरह की जबरदस्ती एवं प्रणाली एक ही रही.''

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संभवत: उन्होंने (ममता बनर्जी सरकार ने) कुछ चीजें (भ्रष्टाचार) अपनी सुविधा के अनुसार बढ़ाई.'' किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि राज्य के लोग “भाई-भतीजावाद”, बढ़ते भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से आजिज आ चुके हैं.

हर्षवर्धन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे बीते एक साल से विभिन्न स्रोतों से जो जानकारी मिल रही है, उससे संकेत मिलता है कि पश्चिम बंगाल में बदलाव अपरिहार्य है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा दिन में शुरू रथ यात्रा से इस प्रक्रिया को मजबूती मिल सकती है. लोग राज्य में भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण में बढ़ोतरी और भाई-भतीजावाद से आजिज आ चुके हैं.” पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिये अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं.

कोलकाता में एक स्वास्थ्य सम्मेलन में शामिल होने के लिए एक दिवसीय दौरे पर आए हर्षवर्धन ने कहा,
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘ मा, माटी, मानुष का स्थान अब फिरौती एवं तुष्टिकरण ने ले लिया है. क्या कोई विश्वास कर सकता है कि यह वह भूमि है जो सभी को प्रेरणा देती है. क्या कोई भरोसा कर सकता है कि यह भूमि स्वामी विवेकानंद, राम कृष्ण, रवींद्रनाथ टैगोर और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की है?'' उन्होंने कहा, ‘‘लूट और हत्या हो रही है...हाल में अमित जी (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) ने करीब 300 मामलों की बात की थी.''

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ममता बनर्जी द्वारा कोविड-19 महमारी से लड़ने के लिए राज्य को केंद्र से मदद नहीं मिलने के आरोपों पर हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘ मैं आप सभी से जो कह रहा हूं, वह तथ्यों एवं आंकड़ों पर आधारित है और अगर आप इसमें एक गलती पाते हैं ,तो सजा भुगतने को तैयार हूं.'' उन्होंने दावा किया, ‘‘ मैंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में, जो 1993 में शुरू हुई, एक भी झूठ नहीं बोला. सभी बाते रिकॉर्ड पर हैं कि राज्य को कितना दिया गया.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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